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Digital India: 678 करोड़ बार हुए लेनदेन

डिजिटल इंडिया मिल रही गति, सितंबर माह में यूपीआई लेनदेन में उछाल

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : देश में डिजिटल लेनदेन का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। अब जबकि देश 5G युग में प्रवेश कर चुका है, तो इसे और गति मिलने वाली है। हर काम आज इंटरनेट के जरिए तेजी के साथ हो रहा है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट में सितंबर माह में जबरदस्त उछाल आया है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल भुगतान लेनदेन की संख्या इस साल सितंबर महीने में तीन फीसदी से ज्यादा बढ़कर 6.78 अरब पर पहुंच गया है। जबकि अगस्त में यूपीआई के जरिए कुल 6.57 अरब (657 करोड़) लेनदेन हुए थे।

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678 करोड़ बार हुए लेनदेन


दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में यूपीआई के जरिए कुल 6.78 अरब (678 करोड़) लेनदेन हुए हैं। इनका मूल्य 11.16 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 10.73 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह जुलाई महीने में यूपीआई आधारित डिजिटल लेनदेन का मूल्य 10.62 लाख करोड़ रुपये रहा था।


सिटीजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा



वहीं एक दिन पहले 5G की शुरुआत के मौके पर पीएम मोदी डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता आसान बनाया। उन्होंने कहा “सरकार ने खुद ऐप के जरिए सिटीजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा दिया। बात चाहे किसानों की हो, या छोटे दुकानदारों की, हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया।” उन्होंने महामारी के दौरान डीबीटी, शिक्षा, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं और वर्क फ्रॉम होम की निर्बाध निरंतरता को याद किया, जब कई देशों को इन सेवाओं को जारी रखना मुश्किल हो रहा था।


सुरक्षित पेमेंट के लिए टोकन सिस्टम



गौरतलब हो कि यूपीआई एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है, जो एक बैंक अकाउंट से किसी दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा तुरंत ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। यूपीआई के जरिए रात या दिन कभी भी आप पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सुविधा का लाभ मोबाइल पर एक क्लिक के जरिए उठाया जा सकता है। इसके लिए यूपीआई सपोर्ट करने वाले ऐप का इस्तेमाल करना होता है। आरबीआई सुरक्षित और सरल ऑनलाइन पेमेंट के लिए कई मोर्चे पर काम रही है। इसी के तहत एक अक्टूबर से टोकन सिस्टम लागू किया गया है।  टोकन सिस्टम के तहत डेबिट और क्रेडिट कार्ड का पूरा डेटा ‘टोकन क्रेडेंशियल‘ में बदल जाएगा। कार्डधारक को कार्ड को टोकन में बदलने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। यदि आप अपने कार्ड को टोकन में बदलते हैं, तो आपके कार्ड की जानकारी किसी भी शॉपिंग वेबसाइट या ई-कॉमर्स वेबसाइट पर टोकन डिवाइस में सुरक्षित हो जाएगी और वेबसाइट या एप पर केवल टोकन नंबर नजर आएगा।

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