Lachhipur में 200 वर्ष पुरानी अनोखी काली पूजा, जंजीरों से बांधकर रखी जाती है प्रतिमा
साल भर जंजीरों से बंधी प्रतिमा का विजयदशमी को होता है विसर्जन
बंगाल मिरर, काजल मित्र :- Lachhipur में 200 वर्ष पुरानी अनोखी काली पूजा, जंजीरों से बांधकर रखी जाती है प्रतिमा। साल भर जंजीरों से बंधी प्रतिमा का विजयदशमी को होता है विसर्जन। काली पूजा की अमावस्या की रात को मूर्ति बनाई जाती है और काली मां की पूजा और पूजा की जाती है और उस रात से काली मां की मूर्ति को जंजीर से बांध दिया जाता है, फिर लगभग एक वर्ष के अंत में यानी दुर्गा को दशमी के दिन काली मां की प्रतिमा विसर्जित कर दी जाती है।
यहां पर इस अनोखी काली पूजा का पालन 200 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है। यह मंदिर पश्चिम बर्दवान जिले के कुल्टी विधानसभा के लच्छीपुर के ब्रह्मचारी क्षेत्र में स्थित है। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि मां के आशीर्वाद से पूरे इलाके में तरह-तरह के चमत्कार होते हैं. उनके पूर्वजों ने मां काली को को मंदिर में वैदिक मंत्रों द्वारा प्रतिष्ठित किया है और साल भर उन्हें जंजीर में बांधा जाता है। आज भीइस रिवाज के अनुसार मंदिर में मां की पूजा की जाती है।