Bihar-Up-Jharkhand

हजारीबाग में दो दिवसीय आरटीआई सेमिनार में डॉक्टर दत्ता हुए सम्मानित

बंगाल मिरर, आसनसोल : सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की रक्षा, संवर्धन उपयोगिता एवं कार्यकर्ताओं की भूमिका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया ! दो दिवसीय सेमिनार मुख्य अतिथि राहुल कुमार सिंह, सूचना आयुक्त, मध्यप्रदेश व अति विशिष्ट अतिथि वक्ता के रूप में निखिल डे तथा विशिष्ट अतिथि डॉ चंद्रशेखर दत्ता, वेस्ट बंगाल स्टेट प्रेसिडेंट राइट टू इनफार्मेशन एक्टिविस्ट एसोसिएशन के साथ-साथ कई गणमान्य सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं के आगाज के साथ यह कार्यक्रम शुरू हुआ !

राकेश सोगानी राजस्थान, अजीम खान उत्तराखंड, रतन तिर्की, सुमन सिंह, तारामणि एवं एडवोकेट आरके शर्मा, झारखंड राज्याध्यक्ष, सूचना अधिकार कार्यकर्ता एसोसिएशन, अटल अहीर महाराष्ट्र, देवेंद्र अग्रवाल, नेशनल आरटीआई ग्रुप, छत्तीसगढ़, विनय मेहता बिहार के साथ-साथ झारखंड बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा, हजारीबाग बार एसोसिएशन अध्यक्ष राज कुमार राजू, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ झारखंड के अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे, सुनील खंडेलवाल, उपाध्यक्ष सूचना अधिकार रक्षा मंच, गिरिडीह राजेश मिश्रा, संयोजक सूचना अधिकार रक्षा मंच, हजारीबाग के साथ-साथ कई अन्य राज्यों से आए वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य रखें !

इस अवसर पर मजदूर किसान शक्ति संगठन एवं एनसी के संस्थापक निखिल डे ने संबोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार आम जनता का हथियार है लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि प्रचार प्रसार के अभाव में यह आम जनता के हाथों में अभी तक नहीं पहुंच पाया है! निखिल डे ने कहा कि प्रस्तावित डाटा बिल का वर्तमान मसूदा आरटीआई कानून के लिए घातक है, सामान्य जानकारी भी मिलना मुश्किल होगा !उन्होंने यह भी बताया कि डेटा बिल अपने वर्तमान स्वरूप में पारित होगा तो राशन, पेंशन की जानकारी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा ! इस अवसर पर वेस्ट बंगाल स्टेट प्रेसिडेंट डॉ चंद्रशेखर दत्ता द्वारा श्री राहुल सिंह सूचना आयुक्त मध्य प्रदेश के साथ संयुक्त रूप से एक द्विभाषी सूचना अधिकार अधिनियम की पुस्तिका का भी विमोचन किया गया !

विमोचित किए गए सूचना का अधिकार अधिनियम पुस्तिका की 600 प्रतियां देवेंद्र अग्रवाल, नेशनल आरटीआई ग्रुप के द्वारा वितरित की गई ! साथ ही साथ डाॅ दत्ता ने सेमिनार में उपस्थित 100 जनता जनार्दन को ₹10 मूल्य के आईपीओ एवं सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना मांगने का प्रपत्र मुहैया कराया तथा किस प्रकार से सूचना मांगी जाएगी इसकी जानकारी भी दी एवं सभी उपस्थित लोगों को अपनी ओर से शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया !

डॉ चंद्रशेखर दत्ता ने अपने ओजस्वी पूर्ण व्याख्यान में राजस्थान के ब्यावर से शुरू हुई मजदूर किसान शक्ति संगठन (एमकेएसएस) एवं आरटीआई के जन्म से अब तक की कहानी बताई ! आरटीआई से संबंधित तमाम स्लोगन “सूचना लोगों का धन और उनकी पूंजी है सरकार सिर्फ ट्रस्टी है” “न्याय समानता हो आधार ऐसा रचेंगे हम संसार” “हम जानेंगे हम जिएंगे” “हमारा पैसा हमारा हिसाब” “सरकार हमारे आपकी नहीं किसी के बाप की” “हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते” “पानी दो रोटी दो नौकरी दो नहीं तो गद्दी छोड़ दो” से पूरा हॉल गुंजायमान रहा ! सूचना अधिकार अधिनियम के सभी कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया !

प्रसिद्ध समाज सेविका एवं मजदूर किसान शक्ति संगठन की सह संस्थापक अरुणा राय ने कहा कि आरटीआई कानून को अस्तित्व में लाने के लिए राजस्थान की धरती से आंदोलन चालू हुआ परंतु आज आरटीआई कानून पर जब खतरा मंडरा रहा है और लोकतंत्र में पारदर्शिता के विरोधी तत्वों द्वारा आरटीआई कानून पर आघात लगाए जाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है तो हमें एक बार फिर से हजारीबाग की धरती पर आयोजित इस सेमिनार से ही आरटीआई कानून को बचाने का संकल्प लेकर एक नया आंदोलन आरंभ करने की जरूरत है ! इस तरह का एक बड़ा आंदोलन दिल्ली में किये जाने की जरूरत है ! कार्यक्रम के दूसरे दिन वेबीनार के माध्यम से स्लाइड शो प्रेजेंटेशन एवं आरटीआई से संबंधित प्रश्नों के जवाब दिए गए ! यह भी बताया गया कि डाटा बिल की धारा 29(2) एवं 30(2) दोनों ही हटाए जाने की जरूरत है अन्यथा आरटीआई कानून पूर्ण रूप से निष्प्रभावी हो जाएगा ! वेबीनार का संयोजन सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी एवं आरटीआई रिवॉल्यूशनरी ग्रुप के द्वारा किया गया था ! मध्यप्रदेश की सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने लोगों का मार्गदर्शन किया एवं वेबीनार के प्रश्नोत्तरी में भी हिस्सा लिया !

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