Asansol में पुस्तक मेला का उद्घाटन

बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Asansol News Today In Hindi ) पश्चिम बंगाल सरकार के जन शिक्षा प्रसार  तथा ग्रंथागार परिसेवा विभाग की ओर से आज आसनसोल के पोलो मैदान में छठे पुस्तक मेले का आयोजन किया गया।   स्कूली बच्चों की एक रैली बीएनआर मोड़ स्थित रवींद्र भवन से निकली जो की मेला प्रांगण तक गई । यहां पश्चिम बंगाल सरकार के ग्रंथागार मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी, कानून और श्रम मंत्री मलय घटक, आसनसोल नगर निगम के चैयरमैन अमरनाथ चटर्जी, जिप सभाधिपति सुभद्रा बाउरी, उपमेयर वसीम उल हक, मेयर परिषद सदस्य गुरुदास चटर्जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया। 

 इस मौके पर सिद्दीकुलाह चौधरी ने कहा की किताबों से बढ़कर इंसान जा कोई दोस्त नहीं होता । उन्होंने कहा कि आज कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल जा युग है । पहले लोग टीवी देखकर मनोरंजन करते थे लेकिन अब लोग ज्यादा टीवी भी नही देखते । लेकिन आज भी किताबों की कद्र जन नही हुई है न कभी होगी । मंत्री ने कहा कि जैसे इंसान के जिंदा रहने के लिए पानी भोजन हवा की जरूरत होती है ठीक वैसे ही किताबों की भी जरूरत होती है । किताबें इंसान की इंसानियत और विवेक को समृद्ध करती हैं । किताबें इंसान को जागृत करती हैं इसलिए किताबों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले साल पूरे राज्य में 19 करोड़ किताबें बिकी थीं और किताबों को चाहने वालों की संख्या एक करोड़ 22 लाख थी । उन्होंने आशा जताई कि इस साल इसकी संख्या बढ़ेगी  ।

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 उन्होने बताया कि पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां हर जिले में पुस्तक मेलों का आयोजन होता है।  ग्रंथागार मंत्री ने कहा कि अब्दुल कलाम आजाद देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री थे क्योंकि वह आजीवन किताबों के साथ रहे यही वजह है उनसे बेहतर शिक्षा मंत्री कोई नही आया । उन्होंने बताया कि पुस्तक मेले न सिर्फ इंसान को इंसान के साथ जोड़ता है बल्कि वर्तमान को अतीत के आईने में देखने में भिविंसन की मदद करते हैं  । उन्होंने किताबों को इंसान के लिए उतना ही जरूरी बताया जितना रीढ़ की हड्डी है । जैसे रीढ़ की हड्डी के बिना इंसान चल नही सकता ठीक वैसे ही किताबों के बिना भी इंसान चल नही सकता ।

वहीं राज्य के कानून और श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि हाल ही में रानीगंज में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था लेकिन आसनसोल की जनता का पुस्तकों के प्रति प्यार देखकर उन्होंने ग्रंथागार मंत्री से आसनसोल में भी पुस्तक मेला आयोजित करने का अनुरोध किया था जिसे उन्होंने स्वीकार किया था । उन्होंने बताया कि यहां 100 स्टॉल लगाए गए है । और भी लोगों ने स्टॉल लगाने के लिए अनुरोध किया था लेकिन समय की कमी के कारण उनको जगह नहीं दिया जा सका । मंत्री ने कहा कि आज सोशल मीडिया का जमाना है लेकिन यह क्षणिक है जबकि किताबें शाश्वत हैं । आज भी ऐसे लोग हैं जिनको अगर किताब न मिले तो नींद नहीं आती । पुस्तक प्रेमी पुस्तक मेलों का बेसब्री से इंतजार करते हैं ताकि अपनी पसंद की किताब खरीद सकें । इस मौके पर एक शरद पत्रिका का भी विमोचन हुआ

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