FEATUREDNational

Ordnance Factory Day आज, जानिए इस दिन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  ( Ordnance Factory Day ) हर साल 18 मार्च का दिन आयुध निर्माण दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन के मनाए जाने का क्या कारण है? और इस दिन का इतिहास क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं।

Ordnance Factory Day

आज के दिन कोलकाता से हुई थी भारत की पहली आयुध निर्माण की शुरुआत

भारतीय आयुध कारखानों का इतिहास और विकास सीधे तौर पर भारत में ब्रिटिश शासन से जुड़ा हुआ है। इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में अपने आर्थिक हित के लिए और अपनी राजनीतिक पकड़ बढ़ाने के लिए सैन्य हार्डवेयर को महत्वपूर्ण तत्व मानती थी।
1775 के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों ने फोर्ट विलियम, कोलकाता में आयुध बोर्ड की स्थापना को स्वीकार कर लिया। यह भारत में सेना आयुध की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है।



जिसके बाद 1787 में ईशापुर में एक बारूद का कारखाना स्थापित किया गया था जिसने 1791 से उत्पादन शुरू किया था  लेकिन आधिकारिक तौर पर 1801 में कोसीपुर, कोलकाता (वर्तमान में गन एंड शेल फैक्ट्री, कोसीपुर के रूप में जाना जाता है) में एक गन कैरिज एजेंसी की स्थापना की गई और उत्पादन 18 मार्च, 1802 से शुरू हुआ। इसलिए आज का दिन आयुध निर्माण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आयुध कारखानों की पहली औद्योगिक स्थापना थी जिसने आज तक अपना अस्तित्व जारी रखा है।

( Ordnance Factory Day ) एक नजर भारतीय आयुध कारखानों पर

16 जून, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसरण में, भारत सरकार ने आयुध निर्माणी बोर्ड यानि ओएफबी की 41 उत्पादन इकाइयों के कार्यों का निगमीकरण करने का निर्णय लिया, जो आयुध निर्माणी विभाग के अधीन कार्यरत हैं।
इसके बाद भारत सरकार ने 1 अक्टूबर, 2021 से इन 41 उत्पादन इकाइयों के प्रबंधन, नियंत्रण, संचालन और रखरखाव को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया और गैर-उत्पादन इकाइयों की पहचान 7 सरकारी कंपनियों के रूप में कि गई। जो हैं।

(i) युद्ध सामग्री इंडिया लिमिटेड

(ii) बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड

(iii) एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड

(iv) ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड

(v) यंत्र इंडिया लिमिटेड

(vi) इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड

(vii) ग्लाइडर इंडिया लिमिटेड

भारतीय आयुध निर्माणी संगठन – 41 आयुध कारखानों का एक परिवार है जो रक्षा उत्पादन में 200 से अधिक वर्षों के अनुभव का अनूठा गौरव रखता है। यह  भूमि, समुद्र और वायु प्रणालियों के क्षेत्र में एक व्यापक उत्पाद श्रृंखला के उत्पादन, परीक्षण, रसद, अनुसंधान, विकास और विपणन पर कार्य करता हैं।

आयुध निर्माणियां रक्षा हार्डवेयर और उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के लिए एक एकीकृत आधार बनाती हैं, जिसका प्राथमिक उद्देश्य सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक युद्धक्षेत्र उपकरणों से लैस करने में आत्मनिर्भरता है।
यह आयुध कारखानों के उत्पादों को भारत और विदेशों दोनों में प्राप्त संरक्षण उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता पर कार्य करता है जो आयुध निर्माण को सशस्त्र बलों के पीछे की ताकत बनाती हैं।

Ordnance Factory Day :आयुध निर्माणी बोर्ड क्या है ?

आयुध निर्माणी बोर्ड जिसमें विविध उत्पादों के निर्माण में लगी 41 इकाइयां शामिल हैं, भारत में सबसे पुराना और सबसे बड़ा रक्षा उत्पादन संगठन है। यह रक्षा निर्माण में सरकार द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का अग्रदूत है।
आयुध निर्माणी बोर्ड पूरे हथियार प्रणाली प्लेटफॉर्म का निर्माण करता है – इसके गोला-बारूद और संबंधित सामान आदि शामिल हैं।

उल्लेखनीय रूप से, आयुध निर्माणी बोर्ड ने समग्र स्वदेशीकरण का 85% हासिल किया है। इसके अलावा, आयुध निर्माणी बोर्ड ने आयात प्रतिस्थापन को आयुध निर्माणी बोर्ड के कार्य मंत्र के रूप में रखते हुए लगभग 11,000 विक्रेताओं का पोषण करके देश में स्वदेशी रक्षा औद्योगिक परिसर विकसित किया है।

भारतीय सेना के साथ, आयुध निर्माणी बोर्ड, सीएपीएफ, वायु सेना और भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करता है। इसके अलावा, समय की बदलती मांगों के साथ,आयुध निर्माणी बोर्ड भी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला रहा है और अंतरराष्ट्रीय निर्यात बाजार के साथ-साथ घरेलू नागरिक व्यापार क्षेत्र में अपना आधार बढ़ा रहा है।

13 आयुध विकास केंद्रों (ODCs) की स्थापना के साथ 2006 से संरचित तरीके से OFB में अनुसंधान एवं विकास [R&D] पर गहन शोध की किए जा रहे हैं।मुंबई, कानपुर और खड़गपुर में IIT जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों की सहायता से, आयुध कारखाने न केवल मौजूदा उत्पादों का उन्नयन कर रहे हैं, बल्कि नए हथियार प्लेटफॉर्म भी विकसित कर रहे हैं।

आयुध निर्माणी बोर्ड ने उत्पाद विकास/उन्नयन, स्वदेशीकरण, आयात प्रतिस्थापन और प्रक्रिया विकास के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। आयुध निर्माणी बोर्ड ने प्रमुख हथियार प्लेटफॉर्म, हथियार और गोला-बारूद विकसित किए हैं और ओएफबी के कारोबार का लगभग 22% आयुध कारखानों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों से है।

भारत में आयुध निर्माणियों की सूची

कानपुर  आयुध उपकरण निर्माणी कानपुर (OEFC)
हजरतपुर  आयुध उपकरण निर्माणी हजरतपुर (OEFHZ)
मुंबई  आयुध निर्माणी अंबरनाथ (ओएफए)
नागपुर  आयुध निर्माणी अंबाझारी (ओएफएजे)
इटारसी  आयुध निर्माणी इटारसी (OFI)
कटनी  आयुध निर्माणी कटनी (OFKAT)
कानपुर  आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी)
जबलपुर  आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके)
चंडीगढ़  आयुध निर्माणी चंडीगढ़ (OCFC)
चंद्रपुर  आयुध निर्माणी चंद्रपुर (OFCH)
तिरुचिरापल्ली  आयुध निर्माणी तिरुचिरापल्ली (OFT)
कोलकाता  आयुध निर्माणी दमदम (ओएफडीसी)
देहरादून  आयुध निर्माणी देहरादून (OFDUN)
पुणे  आयुध निर्माणी देहू रोड (OFDR)
नालंदा  आयुध निर्माणी परियोजना (ओएफएन)
कोरवा  आयुध निर्माणी परियोजना कोरवा    (ओएफपीकेआर)
हैदराबाद  आयुध निर्माणी परियोजना मेडक (ओएफपीएम)
बोलंगीर  आयुध निर्माणी बोलांगीर (OFBOL)
भंडारा  आयुध निर्माणी भंडारा (OFBA)
भुसावल  आयुध निर्माणी भुसावल (OFBH)
मुरादनगर  आयुध निर्माणी मुरादनगर (OFM)
वारनगांव  आयुध निर्माणी वरणगांव (OFV)
कानपुर  आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ)
शाहजहांपुर  आयुध वस्त्र निर्माणी (OCFS)
चेन्नई  आयुध वस्त्र निर्माणी अवादी (OCFAV)
चेन्नई  इंजन फैक्टरी अवादी (EFA)
पुणे  उच्च विस्फोटक कारखाना (एचईएफ)
देहरादून  ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्टरी (ओएलएफ)
अरुवनकाडु  कॉर्डाइट फैक्ट्री अरुवंकडू (CFA)
कोलकाता  गन एंड शेल फैक्ट्री (GSF)
जबलपुर  गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर (GCF)
पुणे  गोला बारूद निर्माणी खड़की (AFK)
जबलपुर  ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआईएफ)
कोलकाता  धातु और इस्पात कारखाना (MSF)
कानपुर  फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर (FGK)
चेन्नई  भारी वाहन निर्माणी, चेन्नई (HVF)
मुंबई  मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्टरी अंबरनाथ    (एमपीएफ)
कोलकाता  राइफल फैक्ट्री ईशापुर (RFI)
जबलपुर  वाहन निर्माणी जबलपुर (VFJ)
कानपुर  स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री (SAF)
तिरुचिरापल्ली  हैवी एलॉय पेनेट्रेटर प्रोजेक्ट (HAPP)

( Ordnance Factory Day ) भारत दुनिया के सबसे बड़ी सैन्य प्रणालियों में से एक का संचालन करता है और उसकी विकास यात्रा में आयुध निर्माणी बोर्ड का एक महत्वपूर्ण सहयोग रहा है, वर्तमान समय में ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के साथ रक्षा क्षेत्र में भारत के आयुध निर्माण क्षेत्र कई नए सुधारों और विकास की प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *