ASANSOL

Asansol : रुपए के लेनदेन में विवाद, ठेकेदार को पीटकर हाथ तोड़ने का आरोप

ठेकेदार का आरोप कांग्रेस पार्षद और उसके शागिर्द ने रंगदारी के लिए की मारपीट

धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज, कांग्रेस पार्षद गुलाम सरवर ने आरोप को बताया बेबुनियाद

बंगाल मिरर, रेलपार: आसनसोल नगर निगम वार्ड संख्या 28 के कांग्रेसी पार्षद गुलाम सरवर के खिलाफ आसनसोल नॉर्थ थाना में आसनसोल नगर निगम के ठेकेदार अश्विनी कुमार चौरसिया ने आठ लाख रुपये के दो चेक पर जबरन हस्ताक्षर कराने तथा पिस्टल के बट से मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें पार्षद गुलाम सरवर, दीपक तथा संजय को आरोपी बनाया गया है। इधर गुलाम सरवर ने कहा है कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मामले की जांच कर सच्चाई सामने आएगी और परोक्ष रुप से पुलिस अधिकारी भी इसे स्वीकार कर रहे हैं।


क्या कहा गया है प्राथमिकी में


प्राथमिकी में अश्विनी ने कहा है कि उसकी पत्नी बबीता चौरसिया सरकारी ठेकेदार हैं। बीते 4 जुलाई को पार्षद गुलाम सरवर तथा उसके सहयोगी दीपक गुप्ता ने कई बार फोन कॉल कर उन्हें अपने घर बुलाया। घर जाने पर श्री सरवर के घर में उनके कई सहयोगी बैठे हुए थे। उन्हें एक रूम में ले जाया गया तथा उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद उन्हें कहा गया कि उनकी पत्नी उनके इलाके में ठेका कार्य करती हैं तो उनको हिस्सा देना होगा। उन्होंने 8.4 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की गई। उननके इंकार करने पर उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई। उन्हें घर फोन कॉल कर चेक मंगाने को कहा गया। गुलाम सरवर के निर्देश पर संजय कालीपहाड़ी स्थित उनके घर से उनके बेटे से एसबीआई बैंक के दो चेक लेकर आया। इसके बाद दीपक ने रिवाल्वर की नोंक पर दो चेक पर हस्ताक्षर कराया। इनमें से एक चेक 4 लाख रुपये का 13 सितंबर तथा दूसरा चेक 4.4 लाख रुपये का 31 दिसंबर को भुगतेय था।

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें बल पूर्वक सुगम पार्क स्थित गुलाम सरवर के दूसरे आवास में ले जाया गया। वहां पहले से तैयार एग्रीमेंट की तस्वीर बलपूर्वक उनके मोबाइल फोन से खींचा गया। फिर वहां से उन्हें ओके रोड स्थित शिव मंदिर के पास एक साइबर कैफे में ले जाया गया तथा स्टांप पेपर पर उस एग्रीमेंट को प्रिंट कराया गया। इसके बाद बिना मैटर की जानकारी दिये उसके हस्ताक्षर कराये गये। इसके बाद रात्रि 11 बजे इस धमकी के साथ रिलीज किया गया कि यदि इसकी जानकारी उसने किसी को दी तो इसका अंजाम काफी बुरा होगा। उसने इस मामले में थाना प्रभारी से न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।



पुलिस सूत्रों ने कहा कि अश्विनी कुमार चौरसिया के लिखित बयान के आधार पर पार्षद गुलाम सरवर, दीपक तथा संजय के खिलाफ भादवि की धारा 341, 323, 325, 384, 385, 420, 120बी, 34 तथा आर्म्स एक्ट 25 व 27 के तहत कांड संख्या 259/2023 दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला डरा-धमका कर, मारपीट कर रंगदारी वसूलने, फर्जी और बिना सहमति के दस्तावेज बनाने तथा अवैध पिस्टल दिखा कर बल पूर्वक हस्ताक्षर कराने से संबंधित हैं। इस मामले की जांच की जा रही है। किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि तथ्यों की जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी।


फ्रेंडली लोन का मामला : गुलाम


कांग्रेस पार्षद गुलाम सरवर ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से बेबुनियाद और राजनीतिक दबाव में बनाया गया मामला है। उनका इस घटना से कुछ लेना-देना ही नहीं है और न यह मामला उनके घर में हुआ है। चुनाव से लेकर अबतक उनकी सक्रियता तथा नगर निगम में उनके तेवर को देखते हुए यह राजनीतिक साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि अश्विनी अपनी पत्नी के नाम पर निगम क्षेत्र में ठेका करते हैं। इसी क्रम में दीपक गुप्ता से उनकी मित्रता है तथा अश्विनी ने फ्रेंडली लोन के रूप में 8.8 लाख रुपये लिया था। काफी दिनों से वह राशि देने में आनाकानी कर रहा था। उसका कहना था कि निगम से उसका भुगतान नहीं हो रहा है। जब दीपक ने उसके संबंधित कार्य के भुगतान के साक्ष्य दिये तो वह आनाकानी करने लगा। इसके बाद उसने पोस्ट डेटेड दो चेक देने पर सहमति जताई। इसके बाद राशि भुगतान को लेकर दोनों ने एग्रीमेंट किया। इसे ही राजनीतिक रुप दे दिया गया।

उन्होंने कहा कि पहली बार सुना है कि रंगदारी में पोस्ट डेटेड चेक लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि रंगदारी लेने होता तो 8.4 लाख रुपये क्यों 9 लाख या 10 लाख रुपये लिये जाते। कर्ज ली गई राशि ही 8.4 लाख की थी। उन्होंने साइबर कैफे में अश्विनी का फोटो जारी किया। उन्होंने कहा कि फोटो देख कर ही समझा जा सकता है कि उसने दबाव में हस्ताक्षर किया या स्वेच्छा से। उन्होंने कहा कि स्वयं पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे जानते हैं कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का भारी राजनीतिक दबाव है। उनकी मजबूरी है। उन्होंने कहा कि उन्हें कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है। यह भी यकीं है कि पुलिस अधिकारी तथ्यों के आधआर पर न कि राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करेंगे। निष्पक्ष जांच होगी तो दूघ का दूघ और पानी का पानी हो जायेगा।


बोरो चेयरमैन उत्पल सिन्हा ने क्या कहा


उत्पल सिन्हा ने कहा कि अश्विनी की शिकायत पूरी तरह से आपराधिक है तथा इसका राजनीति से कुछ लेना-देना नहीं है। कानून को अपना कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कितसी भी राजनेता को किसी ठेकेदार को घर में बुला कर पीटने तथा जबरन चेक पर हस्ताक्षर कराने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। वे सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि पुलिस को शिकायत मिली है तो बिना किसी दबाव के निष्पक्ष जांच करें तथा साक्ष्य मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *