ASANSOL

Asansol : कहां से फैल रहा प्रदूषण पता लगायेगा ड्रोन, हुआ ट्रायल

बंगाल मिरर, आसनसोल : शिल्पांचल में प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन ( एक्यूएम ) सेल का गठन किया गया है। अब प्रदूषण वाले क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जायेगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा फिलहाल तीन “एयर क्वालिटी सेंसिंग ड्रोन” उपलब्ध कराये गये हैं। जिसका आधिकारिक उपयोग एक अक्टूबर से होगा। इसकी संख्या शीघ्र ही बढ़ाकर दस की जायेगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली की संस्था से यह ड्रोन अनुबंध के आधार पर लिया है। इसका उपयोग अगले तीन साल तक किया जायेगा। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट ट्रैफिक गार्ड की देखरेख में इन ड्रोन का उपयोग किया जायेगा।

इस ड्रोन से प्राप्त रिपोर्ट सीधे पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आसनसोल नगर निगम के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सेल और आसनसोल – दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट को जायेगी। आज इसका ट्रायल किया गया । इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ परियोजना सहायक सुबीर मंडल और आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के एसीपी (यातायात) प्रदीप कुमार मंडल उपस्थित थे। इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ परियोजना सहायक ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए पहले से ही वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किये गये हैं। इसका उपयोग प्रदूषण मापदंडों को मापने के लिए किया जाता है। इस बार बोर्ड की ओर से को तीन ‘एयर क्वालिटी सेंसिंग ड्रोन’ दिए गए। 

ड्रोन में लगा है सेंस रबताया जाता है कि इस ड्रोन में छह सेंसर लगे हुए हैं। जो निगरानी के दौरान वायुमंडल में पीएम 10, पीएम 2.5, कार्बन डाई आक्साइड और नाक्स समेत छह उपादानों की मात्रा का पता लगायेगी। इसके माध्यम से सटीक पता चलेगा कि किस जगह से ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। ड्रोन की रिपोर्ट अधिकारी अपने मोबाइल पर भी देख पायेंगे। यह ड्रोन 250 मीटर उंचाई तक उड़ सकती है। वहीं एक बार में 30 मिनट तक इसका उपयोग किया जा सकता है। यह एक किलोमीटर के दायरे को कवर कर सकती है। इस ड्रोन के उपयोग के लिए डीजीसीए का लाइसेंस भी लिया गया है।

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