ASANSOL-BURNPUR

SAIL ISP में भी अनाधिशासी कर्मचारी संघ बनेगा ?  यूनियनों के लिए खतरे की घंटी !

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : क्या इस्पात उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों का अब श्रमिक संगठनों  पर से भरोसा उठने लगा है। भिलाई और बोकारो के बाद अब अगला प्लांट कौन है, जहां पर युवा कर्मी मान्यताप्राप्त संगठनों से इतर अपना संगठन करेंगे। सोशल मीडिया में एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है  कि आईएसपी में भी भिलाई और बोकारो की तर्ज पर अनाधिशासी कर्मचारी संघ बनने जा रहा है।

इस पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि इंटक आईएसपी बर्नपुर के कई धुरंधर इसके संपर्क में है और बहुत जल्द ही इसका खुलासा किया जायेगा । वहीं सोशल मीडिया पर इसे कर्मियों का समर्थन भी मिलता दिख रहा है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में को-ऑपरेटिव चुनाव के दौरान इंटक में फूट देखने को मिली। यूनियन के निर्देशों को दरकिनार कर कई सदस्यों ने चुनाव लड़ा और बीएमएस तथा आईएनीटीयूसी के साथ मिलकर इंटक को बोर्ड से बेदखल कर दिया। इसके बाद इंटक ने चार लोगों के निष्कासन का प्रस्ताव लाया। जिसे अंतिम मंजूरी के लिए केन्द्रीय नेतृत्व को भेजा गया है।

गौरतलब है कि वेतन समझौते के समय से ही कर्मियों में यूनियनों के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है। मनमाफिक वेतन समझौता न होने के बाद एरियर को लेकर भी अभी तक फैसला नहीं पाया है। वहीं अब बोनस को लेकर भी हीलाहवाली देखने को मिल रही है। जिसके कारण सेल के भिलाई और बोकारो में युवा कर्मियों ने अनाधिशासी कर्मचारी संघ बनाया है। जिसका पंजीकरण भी कराया गया है। इसके बाद से ही अन्य प्लांटों में यह मांग जोर पकड़ने लगी है। 

सोशल मीडिया के एक  ग्रुप में एक पोल किया जा रहा है। जिसमें कर्मियों से पूछा जा रहा है कि किस यूनियन में आप अपना भविष्य देखते हैं तो करीब 70 फीसदी ने अनाधिशासी कर्मचारी संघ को वोट दिया है। इसके बाद क्रमश : बीएमएस, सीटू और इंटक को पोल मिले हैं। एटक और एचएमएस निचले पायदान पर है। वहीं इन गतिविधियों से यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह श्रमिक संगठनों के लिए खतरे की घंटी है।

News Editor

Mr. Chandan | Senior News Editor Profile Mr. Chandan is a highly respected and seasoned Senior News Editor who brings over two decades (20+ years) of distinguished experience in the print media industry to the Bengal Mirror team. His extensive expertise is instrumental in upholding our commitment to quality, accuracy, and the #ThinkPositive journalistic standard.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *