DPS Asansol में मना ग्रैंड पेरेंट्स डे
बंगाल मिरर, आसनसोल : दादा-दादी के सम्मान में डी. पी. एस. आसनसोल में मना ग्रैंड पेरेंट्स डे जीवन में कई ऐसे मोड़ आते हैं जब लगता है कि काश हमें कोई सही राह दिखाने वाला होता और हम उदास होकर बैठ जाते हैं । ऐसे में दादा – दादी हमें अपने व्यक्तिगत अनुभव से दुनिया की परख देते हैं जो कि हमें कोई भी पुस्तक या इंटरनेट नहीं दे सकता।













बच्चों में नैतिक मूल्यों के विकास एवं दादा-दादी के प्रति सम्मान के लिए डी.पी.एस. आसनसोल में 4 अक्तूबर दिन बुधवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे मनाया गया। कार्यक्रम में छात्रों के दादा – दादी को आमंत्रित किया गया l दादा – दादी में अपने नन्हें – मुन्नों के विद्यालय में आ कर उनके साथ समय बिताने में जो उत्सुकता दिखी वह देखते ही बनती थी l कहा भी जाता है कि मूल से ज्यादा प्रिय ब्याज होता है , वही यहाँ चरितार्थ होता दिखा l छात्रों ने दादा – दादी को तिलक लगा तथा प्रणाम कर उनका स्वागत किया l लकी ड्रा के द्वारा कक्षा एक के रेयांश दास के दादा- दादी को मुख्य अतिथि के रूप में चुना गया l
बच्चों ने दादा – दादी के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया l विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य , संगीत , मेडले आदि को रंग – बिरंगी पोशाको में छोटे – छोटे बच्चों ने अत्यंत मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया l दादा – दादी ने अपने नौनिहालों को कार्यक्रम प्रस्तुत करते देख भाव- विभोर हो कार्यक्रम का आनन्द लिया , साथ ही दादा -दादी ने युगल नृत्य कर सबको आत्मविभोर कर दिया l सभी ने कार्यक्रम का भरपूर आनन्द उठाया l
प्रधानाचार्या सुश्री विनीता श्रीवास्तव ने अतिथियों को संबोधित करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापन किया l उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि बुजुर्गों की उपस्थिति किसी आशीर्वाद से कम नहीं होती l सफल होने के लिए बड़ो का आशीर्वाद बहुत ही आवश्यक है । दादा – दादी के साथ बिताया समय सबसे यादगार होता है। आज के दौर में लोग अपने व्यवसाय के कारण अपने घर से दूर जाकर रहने लगे हैं , जिसकी वजह से बच्चे अपने दादा – दादी के प्यार से वंचित रह जाते हैं। वह जिंदगी के उन पाठों को कभी नहीं सीख पाते जो केवल दादा- दादी ही उन्हें सिखा सकते हैं क्योंकि वे हमारे जीवन की वो मजबूत नीव है, जो हमें कठिन से कठिन परिस्थिति में मजबूत बने रहने और उनसे लड़ने की ताकत देते है।
ये वो बरगद का बड़ा – सा पेड़ होते हैं , जिसकी छाँव तो प्यारी होती ही है साथ ही उसकी जड़ें इतनी मजबूत होती हैं कि ना तो कोई उसे तोड़ सकता है और ना ही उस जड़ से पेड़ को अलग कर सकता है।
अंत में उपस्थित सभी अतिथियों को जलपान और जीवन की सुखमय शुरुआत के प्रतीक पौधों को भेंट कर कार्यक्रम का समापन हुआ l





