KULTI-BARAKAR

SS Ahluwalia : पीएम की विकास नीति या तुष्टिकरण – कटमनी की राजनीति

शीर्ष नेतृत्व के निर्देश के बाद जितेन्द्र – बप्पा दिखे एक साथ

बंगाल मिरर, कुल्टी : ( SS Ahluwalia ) आसनसोल लोकसभा चुनाव के भाजपा प्रत्याशी एसएस अलुवालिया और भाजपा नेता जीतेंद्र तिवारी अपने समर्थकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पहली बार आसनसोल के कुल्टी विधानसभा अंतर्गत डिसेरगढ़ भाजपा कार्यालय से मोटरसाइकिल रैली में निकले और छिन्नमस्ता मंदिर में पूजा की। इसके अलावा इस दिन उन्होंने डिसेरगढ़ क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बैठक की. इसके अलावा इस दिन उनके कई अन्य कार्यक्रम भी हुए। छिन्नमस्ता मंदिर में पूजा अर्चना करने के उपरांत सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया पत्रकारों से मुखातिब हुए । इस दौरान जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी, पार्षद अमित तुलस्यान, गौरव गुप्ता समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

उन्होंने कहा कि यह आसनसोल का इलाका उनकी जन्मभूमि है उनके पिता जेके नगर में काम किया करते थे लेकिन लाल संत्रास के कारण जेके नगर कारखाना बंद हो गया जिस वजह से उनके पिता को रोजगार के लिए दूसरी जगह जाना पड़ा उनको भी अपने पिता के साथ जाना पड़ा 34 वर्षों तक वह एक बंजारे की तरह विभिन्न राज्यों में रहे विभिन्न राज्यों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया लेकिन अब इस बार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें अपनी जन्मभूमि भेजा है और यहां से लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्देश दिया है उन्होंने कहा कि यह जो लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है आसनसोल में यह चुनाव व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं है यह चुनाव सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया बनाम शत्रुघ्न सिन्हा बनाम जहानारा खान नहीं है यह विचारधारा की लड़ाई है

 एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की नीति है विकसित भारत की नीति है आर्थिक रूप से मजबूत भारत के नीति है तो दूसरी तरफ तुष्टिकरण की राजनीति है कटमनी है महिलाओं पर अत्याचार की राजनीति है महिलाओं की तस्करी की राजनीति है जमीन हड़पने की राजनीति है और लोगों को इन दो विचारधाराओं में से एक विचारधारा को चुनना है उनको पूरा भरोसा है कि लोग सही चुनाव करेंगे सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि आज उन्होंने अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर छिन्नमस्ता मंदिर में पूजा अर्चना की और मां से प्रार्थना की की इस बार के चुनाव में लोग कम से कम अपना वोट अपनी मर्जी से दे सके। 

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