तृषा से तृषान बनना चाहती है सरकारी कर्मचारी, डीएम को दिया आवेदन
बंगाल मिरर, बिरभूम : पश्चिम बंगाल बिरभूम जिले के इलमबाजार इलाके की रहने वाली 24 वर्षीय तृषा इन दिनों खूब चर्चे मे है, चर्चे मे इस लिये की तृषा खुद एक सरकारी कर्मचारी है और वह इलमबाजार इलाके मे ही स्थित एक ग्रामीण अस्पताल मे डाटा इंट्री का काम करती है, तृषा सुंदर होने के साथ-साथ अपने कार्य के प्रति इतनी जिम्मेदार है की उसको उसके कार्य छेत्र मे हर कोई खूब पसंद करता है, उसके वेवहार उसकी बातचीत के मानो हर कोई दीवाना है, ऐसे मे तृषा के द्वारा बिरभूम जिले के डीएम को दीये गए एक आवेदन ने उसके कार्य क्षेत्र के लोगों को ही नही बल्कि इलाके के लोगों के साथ -साथ उसके माता पिता और उसके परिजनों को भी हैरत मे डाल दिया है, तृषा ने अपने आवेदन मे अपनी लिंग परिवर्तन की अपील की है, जिसके लिये तृषा ने डीएम से सहयोग माँगा है, तृषा ने वोटर लिस्ट में उसका नाम बदल कर तृषान सिंह राजपूत कर दिए जाने की मांग की है.
हम बताते चलें कि पश्चिम बंगाल मे मतदाता सूची में संशोधन का कार्य चल रहा है, ऐसे मे तृषा के द्वारा तृषान बनने के लिये दिया गया आवेदन अब जिला प्रशासन के लिये एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, जिला प्रशासन की अगर माने तो बीरभूम जिले में यह पहली बार है जब किसी लड़की ने लड़का बनने के लिये आवेदन दिया है, फिलहाल जिला शासक कार्यालय के अधिकारियों ने आवेदक तृषा को बताया है कि उसको प्रवेश फॉर्म क्रमांक-एक के लिए आवेदन करना होगा जिससे उसको तृतीय लिंग सूची मे डाल दिया जाएगा. वहीं तृषा को जिला प्रशासन द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया है की उसके द्वारा आवेदन-पत्र में दी गयी जानकारी की स्थानीय बीडीओ जांच करेंगे और फिर अपनी राय देंगे. यदि सब ठीक रहा, तो तृषा को वर्ष 2026 के विधानसभा चुनाव में अपने लड़की वाले दर्ज नाम से वोट नहीं देना पड़ेगा.
तृषा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है की “बहुत जल्द मैं विभिन्न सर्जरी व हार्मोन थेरेपी के लिए जाऊंगी. स्वास्थ्य परीक्षण के साथ कई कानूनी प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ेगा. मैं मनोवैज्ञानिकों से भी बात कर रही हूं. मेरे तन में पुरुष हार्मोन आने पर धीरे-धीरे मेरी दाढ़ी-मूंछें उगेंगी. मेरी आवाज लड़कों जैसी हो जायेगी. मेरा तन व मन दोनों बदल जायेंगे. तृषा ने कहा, “जैसा डॉक्टर कहेंगे, वैसा ही मेरा तन ढलेगा. दो साल के अंदर मैं परिपूर्ण युवक में बदल जाऊंगी. लेकिन मैं इस यात्रा में खुशी तलाश रही हूं. मेरी यह इच्छा पूरी करने में मेरे माता-पिता, रिश्तेदार, सहकर्मी व दोस्त सभी खुलकर साथ दे रहे हैं. अब इंतजार है तो वह केवल सरकारी मोहर लगने की.
तृषा ने अपनी स्कुल लाईफ के बारे मे जिक्र करते हुए कहा की स्कुल टाइम मे उसका एक दोस्त था, जो उसका बॉयफ्रेंड भी था पर उसको उसके उस दोस्त मे कम ज्यादा तर उसको स्कुल की लड़कियों के साथ रहने मे अच्छा तो लगता ही था साथ मे उसको काफी खुशी भू महसूस होती थी, उसकी जिंदगी मे ऐसा क्यों हो रहा था वह खुद नही समझ पा रही थी, जब वह कॉलेज गई तो वहाँ उसको एक लड़की दोस्त बनी जो लड़की उसकी गर्लफ्रेंड बन गई थी उसके साथ उसको ज्यादा से ज्यादा समय बिताने मे बहोत अच्छा लगता था, उसी बिच उसको एक लड़का से भी दोस्ती हुई, वह लड़का उसका अच्छा दोस्त के साथ -साथ बॉयफ्रेंड बन गया था, दोनों के परिवार वालों को भी यह बात पता थी, दोनों की दोस्ती एक रिस्ते मे बदलने वाली थी जब वह दोनों करीब आने लगे तब तृषा को पूरी तरह यह महसूस हुआ की वह शरीर से तो लड़की है पर उसके अंदर कोई लड़की नही बल्कि एक लड़का है जो लड़का बाहर आना चाहता है,
तृषा को अपनी ही शरीर से नफरत होने लगी और उसने चिकित्सकों से सम्पर्क किया जहाँ उसको यह पता चला की वह सच मे एक लड़की नही बल्कि अंदर से लड़का है और फिर तृषा की एक दोहरी जिंदगी की शुरुआत हुई और त्रिसा तृषान बनने के लिये जद्दो जहद मे लग गई, वह हर हाल मे तृषान बनना चाहती थी, जिसके बाद वह तृसा से तृषान बनने के लिये अपनी जिंदगी की कई कठिनाइयों का सामना करने लगी, जिन कठिनाइयों का सामना करने के बाद वह आज यहां तक पहुँच गई है की उसने अपनी लिंग परिवर्तन के लिये बिरभूम जिले के डीएम को आवेदन दिया है, जिसका सांथ तृषा के माता पिता ही नही बल्कि उसके परिजन व उसके सहकर्मी भी दे रहे हैं