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श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मुक्ति : स्वामी आत्मप्रकाश जी

बंगाल मिरर, आसनसोल  : आसनसोल के जीटी रोड स्थित महाबीर स्थान मंदिर परिसर में आसनसोल महाबीर स्थान सेवा समिति के सहयोग से  आयोजित  सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन स्वामी आत्मप्रकाश जी महाराज ने गोवर्धन पूजा, तुकाराम और नामदेव की कथा सुनाई। इस दौरान छप्पन भोग का आयोजन किया गया था। मौके पर आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, जगदीश प्रसाद केडिया, आसनसोल महाबीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा, आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंभूनाथ झा, मनीष भगत, अभिषेक वर्मन, अक्षय शर्मा, रौनक जालान सहित अन्य उपस्थित थे।

स्वामी आत्मप्रकाश जी महाराज ने कथा में बताया कि कैसे श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र का घमंड तोड़ा गया। गुरुजी ने कहा कि गोवर्धन की परिक्रमा सात कोष की है और वासना की गांठ भी सात है। सात गांठ का बांस ही भागवत में लगाया जाता है, मुक्ति के लिए। उसी पर बैठकर धुतकारी कथा सुनता है। एक एक दिन एक मुक्ति होती है। नरसिंह मेहता की कहानी और उनके पिता के श्राद्ध पर गुरुजी ने कथा सुनाई।

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