नई पीढ़ी के लिए आज़ादी की नई परिभाषा: राजनीतिक नहीं, आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी— रितेश कुमार जालान
नई पीढ़ी के लिए आज़ादी की नई परिभाषा: राजनीतिक नहीं, आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी— रितेश कुमार जालान CERTIFIED FINANCIAL PLANNER® 1947 में भारत ने विदेशी हुकूमत से आज़ादी पाई। तिरंगा फहराया, संविधान बना और देश ने आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी। पर आज़ादी केवल राष्ट्र की सीमाओं तक सीमित नहीं होनी चाहिए। सवाल यह है कि क्या नई पीढ़ी व्यक्तिगत स्तर पर भी उतनी ही स्वतंत्र है जितनी राजनीतिक स्तर पर हमारा देश है?आर्थिक स्वतंत्रता क्यों जरूरी हैआज का युवा आत्मनिर्भर करियर और आधुनिक जीवनशैली का प्रतीक है। परंतु सच्चाई यह है कि कमाई के बावजूद वित्तीय अनुशासन की कमी उन्हें धीरे-धीरे कर्ज़ और EMI की जंजीरों में बाँध रही है। तनख्वाह का बड़ा हिस्सा क्रेडिट कार्ड बिल और लोन चुकाने में चला जाता है—



क्या यही स्वतंत्रता है? स्वतंत्रता दिवस केवल झंडा फहराने का दिन नहीं, बल्कि यह याद दिलाने का अवसर है कि आज़ादी केवल राजनीतिक नहीं, आर्थिक भी होनी चाहिए।कमाई से ज्यादा मायने रखता है सही निवेशयुवा अवस्था में कमाई की क्षमता अधिक होती है और जिम्मेदारियां कम। यही समय है निवेश की शुरुआत करने का।मान लीजिए कोई 25 वर्ष की उम्र में ₹5,000 प्रति माह की SIP शुरू करता है और औसतन 12% वार्षिक रिटर्न प्राप्त करता है। 60 साल की उम्र तक यह राशि लगभग ₹1.5 करोड़ हो सकती है।वहीं 35 वर्ष की उम्र में ₹15,000 मासिक निवेश करने पर भी यह राशि लगभग ₹1.2 करोड़ ही बनती है।यह अंतर बताता है कि छोटी राशि और जल्दी शुरुआत, बड़े निवेश और देर से शुरुआत से अधिक प्रभावी होती है। समय ही सबसे बड़ा पूंजीकार है।लाइफस्टाइल बनाम भविष्य की ज़रूरतेंमहंगे गैजेट, ट्रेंडिंग फैशन और तात्कालिक सुख मोहक लग सकते हैं, लेकिन यह आदतें भविष्य को कमजोर कर सकती हैं। जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आने वाली पीढ़ियों के लिए त्याग किया, वैसे ही युवाओं को अपने भविष्य के खुद के लिए अनुशासित निवेश करना चाहिए।
वित्तीय अनुशासन: व्यक्तिगत नहीं, राष्ट्रीय ताक़त भीव्यक्तिगत आर्थिक सुरक्षा केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं है।जब युवा निवेश करते हैं तो यह पूंजी भारतीय उद्योगों, स्टार्टअप्स और अवसंरचना में लगती है—जो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करती है। एक वित्तीय रूप से सुरक्षित युवा अपने परिवार के साथ-साथ राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है।निष्कर्ष: आज़ादी का नया संकल्पस्वतंत्रता दिवस पर सिर्फ राष्ट्रगान गाने और झंडा फहराने से ज्यादा जरूरी है यह संकल्प लेना—“मैं खुद को और अपने परिवार को आर्थिक आज़ादी दिलाऊँगा। मैं कमाई ही नहीं, बचत और निवेश को भी प्राथमिकता दूँगा। मैं अपने पैसों पर भी उतना ही अनुशासन रखूँगा जितना अपनी सोच पर।”क्योंकि कमाई की आज़ादी नहीं, पैसों पर अधिकार की आज़ादी ही असली स्वतंत्रता है।
सुझाव बतौर CERTIFIED FINANCIAL PLANNER:जल्दी निवेश शुरू करें, राशि चाहे छोटी ही क्यों न हो।SIP, टर्म इंश्योरेंस और रिटायरमेंट प्लानिंग को प्राथमिकता दें।Pay Yourself First—खर्च से पहले बचत और निवेश को महत्व दें।हर साल अपनी वित्तीय योजना की समीक्षा करें—जैसे सरकार हर साल बजट बनाती है।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय जानकारी हेतु है। निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।