राजनीति छोड़ दिलीप घोष जनता को शांति से रहने दे : जितेन्द्र तिवारी
किसी को दोहरी जिम्मेदारी मिल जाये, तो जो जिम्मेदारी उसे मिलती है, उसे वह बखूबी निभाये। उन्होंने कहा कि क्या यहां के लोगों साथ अन्याय नहीं हुआ? यहां के लोगों के भरोसे को नहीं तोड़ा गया, यहां के लोगों के इच्छाशक्ति जनता कभी गलत नहीं होती है, जनता का फैसला सर्वोपरि होता है। चंद्रशेखर जब देश के पीएम बने थे, तो संसद में कहा था जिन हाथों में शक्ति भरी है राजतिलक देने की, उन्हीं हाथों में ताकत है सिर धर लेने की जो भी चुनावी राजनीति में है, उन्हें यह दो लाइन हमेशा याद रखनी चाहिए उन्होंने कहा कि खड़गपुर की जनता ने 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा में दिलीप घोष पर जताया, क्या आपकी आकांक्षायें पूरी हुयी? अगर लगता है कि वह निर्णय सही नहीं था, अगर आपको लगता है कि आपलोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। तो इस बार यहां तृणमूल के प्रदीप सरकार को भारी मतों से विजयी बनायें, ताकि वह इस इलाके में शांति लाने के साथ विकास कर सकें। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष राजनीति से सन्यास लेकर वैज्ञानिक बन जाये। अब वह दूध से सोना बनाये और पत्थर से हीरा बनाये इनसब पर ध्यान दीजिए। राजनीति अब आपके बस की नहीं है, पेंशन की व्यवस्था हो गयी है, जनता को शांति से रहने दीजिए।