डीपीएस में अभिभावकों ने जताया विरोध



स्कूल के तरफ से बताया गया ये निर्णय स्कूल ने नही लिया बल्कि टीचर्स के यह निर्णय है ।
जब अभिभावकों ने इसे लिखित में मांगा परन्तु उन्होंने ने कुछ भी नही दिया । उनका कहना था फीस नही आ रही है तो हम कैसे अपने स्टाफ, टीचर को पैसे दें ।
अभिभावकों का कहना है हभसभी फीस देने को तैयार है परन्तु कोरोना वाइरस की वैश्विक महामारी आई हुई है और पूरा विश्व इसके चपेट में आया है । आर्थिक स्थिति से सभी जूझ रहे है व्यापार ठप है, सैलेरी मे कटौती हो रही है कहीं- कहीं तो नौकरियां भी जा रही है ऐसी स्थिति मे स्कूल प्रंबधक को विचार करना चाहिए । अभिभावकों की मांग है सबसे पहले जिन बच्चों को आंनलाइन क्लास से वंचित किया गया है उन्हें तुरंत यह सुविधा प्रदान की जायें ।
दूसरा वार्षिक फीस नहीं लिया जाये ।
तिसरा क्वाटर फीस मे 50% कटौती की जायें .
जहां स्कूल मे 7-8 पीरियड होती थी अभी सिर्फ 3 पीरियड होते है।
स्कूल के दौरान बच्चों को सभी सुविधा मिलती थी तो अभिभावक सभी फीस देते थे । परन्तु अभी सभी सुविधा नही है उसी अनुसार उन्हें फीस तय करनी चाहिए । एसी फस्ट क्लास का पैसा लेकर जर्नल क्लास मे सवारी करवायेगा ये कैसे मुमकिन है ।
अंततः स्कूल ने समय मांगा है इसका निर्णय लेने के लिए ।
अभिभावकों ने कहा आप समय लीजिये परन्तु आंनलाइन क्लास कल ही चालू करियें ।
इसी बीच सभी अभिभावकों की सहमति से बहुत जल्द गार्जियन फोरम बनाने की सहमति बनीं ।