DURGAPURWest Bengalसाहित्य

दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्गापुर ने मनाया प्रेमचंद जयंती समारोह

बंगाल मिरर, इन्द्र भूषण झा, दुर्गापुर: दिल्ली पब्लिक स्कूल, दुर्गापुर ने 31 जुलाई को कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 140वीं वर्षगाँठ मनाई । इस समारोह का आयोजन विद्यालय के द्वारा ऑनलाइन कक्षा में किया गया । उपन्यास सम्राट प्रेमचंद बीसवीं सदी के महान कथाकार और समाज सुधारक थे । इस समारोह में कक्षा नवीं और दसवीं के बच्चों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया । प्रेमचंद रचित रचनाएँ समाज के लिए आइना है । इसी क्रम में ‘प्रेमचंद: कल भी और आज भी ’ शीर्षक के अंतर्गत प्रेमचंद द्वारा रचित ‘ बूढ़ी काकी ’, ‘ निर्मला ’ एवं ‘ पंच परमेश्वर ’ कहानियों का मंचन आज 2020 की प्रासंगिकता में किया गया । ‘ बूढ़ी काकी ’ कहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त कदाचार और लोगों की वृद्ध लोगों के प्रति घृणित मानसिकता को दिखाया गया है । इसके साथ ही विद्यार्थियों ने इस कहानी के महत्व को आज के संदर्भ में भी दिखाने का प्रयास किया । जब व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है तब उनके मन में बुजुर्गों के प्रति श्रद्धा भाव उत्पन्न होता है । वास्तव में प्रेमचंद साहित्य हर युग में राह भटकों को सही रास्ता दिखला रहा है । विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया । ‘ निर्मला ’कहानी के माध्यम से बच्चों ने सबके सामने दहेज और अनमेल विवाह जैसी समस्याओं को दिखाने का प्रयास किया है । नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार से निर्मला को दहेज और अनमेल विवाह के कारण कष्ट भोगने पड़े । इसके साथ ही बच्चों ने आज के समाज के पुरुष वर्ग की बदली हुई मानसिकता को भी दिखाने का प्रयास किया । आज के समय में लड़का और लड़की को एक समान समझा जाता है । लड़कियाँ पढ़ – लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं और समाज के विकास में अपना योगदान दे रही हैं । उन्होंने आज की नारी के बदलते स्वरूप को भी दिखाया है । इसके साथ ही बच्चों के द्वारा प्रेमचंद द्वारा रचित ‘ पंच परमेश्वर ’ नाटक का भी मंचन किया गया । बच्चों ने दिखाया कि हमारे जीवन में न्याय का महत्वपूर्ण स्थान होता है । हमारे समाज में जो न्याय के पद पर बैठता है उसे परमेश्वर के समान माना जाता है । उनके द्वारा दिए गए निर्णय को सभी मानते हैं । आज के समय में भी लोगों का न्याय – व्यवस्था पर पूरा भरोसा है । आज भी लोग न्याय के लिए न्यायालय जाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि वहाँ उन्हें न्याय मिलेगा । प्रेमचंद जयंती के अवसर पर प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया ।
प्रेमचंद जयंती के शुभ अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री उमेश चंद जायसवाल जी द्वारा ‘ किलकारियाँ ’ पत्रिका के तृतीय संस्करण का विमोचन किया गया। यह पत्रिका विद्यालय के नन्हे कलम की सिपाही द्वारा रचित रचनाओं का संग्रह है जिसे इस बार ‘फ्लिपबुक’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है ।
ऑनलाइन कक्षाओं के साथ – साथ इन गतिविधियों को भी अत्यंत रचनात्मकता के साथ प्रस्तुत करने के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयास को सराहा ।

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