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तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान नवाजी जाएगी आसनसोल की युवा लेखिका रीमा मिश्रा ‘नव्या

बंगाल मिरर, सौरदीप्त सेनगुप्ता, आसनसोल :

तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान नवाजी जाएगी आसनसोल की युवा लेखिका रीमा मिश्रा ‘नव्या’
लेखन क्षेत्र में मात्र छः महीने की न्यूनावधि में बेहतर योगदान के लिए आसनसोल की युवा लेखिका एवं कवयित्री रीमा मिश्रा का तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान 2020 के लिए चयन हुआ है। 

आपको बता दें कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सामाजिक संस्था अंग मदद फाउंडेशन, भागलपुर द्वारा स्वाधीनता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला की याद में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर परिसर स्थित दिनकर भवन में प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है।

अंग मदद फॉउंडेशन देता है सम्मान

 यह सम्मान देश एवं विदेश में अपने-अपने क्षेत्र में कर रहें कई सारे कार्यों जैसे लेखन, गायन, पत्रकारिता एवं समाज सेवा आदि अन्य कई कार्यों के में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। अंग मदद फॉउंडेशन की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम संस्था के अध्यक्ष सह जनसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लता जी एवं सचिव वंदना झा जी के सानिघ्य मे होता हैं।


  उल्लेखनीय है कि आसनसोल की बेटी रीमा मिश्रा ‘नव्या’ दिनचर्या की व्यस्तता और निजी विद्यालय में शिक्षिका होने के बावजूद लेखन क्षेत्र में पिछले छः महीनों से अपना अहम योगदान दे रही है। रीमा ने इन चंद महीनों में देश के लगभग सारे प्रान्तों के अखबारों एवं कई राष्ट्रीय एवं अंतरास्ट्रीय पत्रिकाओं में आलेख एवं कवितायें लिख चुकी हैं, साथ ही रीमा विदेशों में भी अपने लेखन का विस्तार कर चुकी हैं

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, फिजी, पिट्सबर्ग, न्यूयॉर्क के कई हिंदी भाषी मासिक एवं दैनिक पत्रिकाओं में लिख चुकी हैं, साथ ही इनके अभी तक चार काव्य संग्रह एवं दो लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, और अभी निरन्तर लेखन में सक्रिय हैं। रीमा दर्जनों सम्मान अपने नाम कर चुकी हैं,  किन्तु तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान उनके जीवन का दूसरा राष्ट्रीय सम्मान है, 

जिसका श्रेय वे अपने पिता श्री देवदत्त मिश्रा एवं बड़ें भाइयों लक्ष्मण मिश्रा एवं अमित मिश्रा को देना चाहती हैं,क्योंकि ये सम्मान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन्ही के आशीर्वाद का प्रतिफल है। रीमा मिश्रा के इस उपलब्धि से आसनसोल शहर भी गौर्वंतित हो उठेगा। 

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