इस कार्य की अनुमति 2 अक्टूबर से मिलेगी
घर बैठे ही आवेदन कर सकेंगे दुर्गापूजा आयोजक


बंगाल मिरर, आसनसोल : कोरोना संकट के दौरान बंगाल के सबसे बड़े त्यौहार दुर्गापूजा के आयोजन को लेकर पूजा आयोजकों के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राह आसान कर दी है। 2 अक्टूबर से पूजा कमेटियों को आनलाइन अनुमति दी जायेगी। पुलिस आयुक्त सुकेश कुमार जैन ने कहा कि कोरोना संकट के बीच सुरक्षा के साथ त्यौहार मनाना है। घर बैठे ही आयोजकों को आसान एप के माध्यम से सिंगल विंडो अनुमति मिलेगी। दस साल से जो कमेटी पूजा का आयोजन कर रही थी और अभी तक अनुमति नहीं मिली थी, इस बार उन कमेटियों को भी अनुमति मिलेगी।

खुले पंडाल का करें निर्माण
उन्होंने कहा कि इस बार पूजा आयोजक खुले पंडाल का निर्माण करें। अगर पंडाल चारों ओर से घिरा हो तो उपर खुला रखें, अगर उपर से घिरा है, तो नीचे चारों तरफ खुला रखें। आने-जाने के लिए अलग-अलग द्वार बनाये। सांस्कृतिक आयोजन न करें। वहीं पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं के लिए मार्किंग करें, ताकि दो लोगों के बीच दूरी बनी रहे। बड़े आयोजक लंबी कतार के लिए मार्किंग करेंगे।
तृतीया से होगा दर्शन, सादगी से करें विसर्जन
उन्होंने कहा कि तृतीया की शाम से पूजा पंडालों में दर्शन करने की अनुमति रहेगी। इस दौरान सावधानी का ख्याल रखना होगा। एकादशी तक दर्शन की अनुमति होगी। वहीं विसर्जन के दौरान अधिक भीड़ भाड़ या तामझाम न करें। शोभायात्रा या जुलूस के बजाय सादगी से विसर्जन करे। कम से कम लोगों को लेकर जाये।
पूजा के दौरान सावधानी बरते
पूजा देखने के लिए आनेवालों के लिए मास्क अनिवार्य रहेगा। अगर कोई बिना मास्क के आता है, तो उसे मास्क उपलब्ध करायें। पूजा कमेटियां खुद मास्क की व्यवस्था कर पायें तो ठीक अन्यथा पुलिस की ओर से मास्क उपलब्ध कराया जायेगा। वोलेंटियर मास्क, दास्ताने के साथ फेस शील्ड का इस्तेमाल करें। पूजा एवं अंजलि के दौरान भी शारीरिक दूरी का ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि इसके बाद थाना स्तर पर आयजोकों के साथ नियमित बैठक होगी। कुछ भी शंका या समस्या हो उसका समाधान किया जायेगा। सरकार की ओर से राशि मिलने में कोई परेशानी न आये, इसके लिए आवेदन में सटीक जानकारी उपलब्ध करायें।
पंडाल निर्माण में ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल न करे
दमकल प्रभारी देवायन पोद्दार ने आग से बचाव के लिए डेमो भी दिया। उन्होंने कहा कि ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल पंडाल निर्माण में करने से बचें। अगर कपड़ा, बिचाली, रूई का इस्तेमाल करते हैं, तो उसे पर अग्निरोधी केमिकल का इस्तेमाल करें। इससे आग नहीं लगेगी।