Highcourt से झटका : Durgapuja अनुदान की ऑडिट रिपोर्ट करनी होगी जमा
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दुर्गापूजा(Durgapuja) कमेटियों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक अनुदान देने वाली ममता बनर्जी की सरकार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने झटका दिया है। न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने ममता बनर्जी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान के खिलाफ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया है। इसमें राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्लब को दिए जाने वाले धन का उपयोग पुलिस और सार्वजनिक संबंध में सुधार, सामुदायिक पुलिसिंग, मास्क, सैनिटाइज़र की खरीद के लिए करने संबंधी विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट जमा करने को कहा है।




कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस दान की गयी धनराशि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है जैसे कि सांस्कृतिक आयोजन, पूजा या आयोजकों के मनोरंजन के लिए। न्यायालय ने कहा है कि 25 फीसदी धन का उपयोग पुलिस को मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए जैसे सार्वजनिक संबंध और सामुदायिक पुलिसिंग में अधिक महिलाओं को शामिल करना। जबकि बाकी 75 फीसदी का उपयोग केवल मास्क, सैनिटाइज़र और फेस शील्ड की खरीद के लिए किया जाना चाहिए, जो उत्सवों के दौरान कोरोना प्रकोप से लड़ने के लिए इस्तेमाल होगा।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस तरह की खरीद के सभी बिल जिलों और कोलकाता पुलिस कर्मियों को राज्य की राजधानी में पूरी तरह से ऑडिटिंग के लिए प्रस्तुत किए जाएं। इसके बाद पूजा की छुट्टी के बाद उसी की एक रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। पश्चिम बंगाल सरकार को उन सभी पूजा समितियों को पत्रक के साथ अंतरिम आदेश की प्रति वितरित करने के लिए निर्देशित किया गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस महानिदेशक से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। अंतिम फैसला पूजा के बाद दिया जाएगा।