बिरसा मुंडा की जयंती पर ममता ने की अवकाश की घोषणा
बंंगाल मिरर, बांकुड़ा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आदिवासियों के बीच भगवान की तरह पूजे जाने वाले महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती पर एक दिवसीय अवकाश की घोषणा की है। सोमवार को बांकुड़ा में प्रशासनिक बैठक के दौरान उन्होंने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन राज्य सरकार ने एक दिवसीय राजकीय अवकाश देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा अगले साल से सरकारी कैलेंडर में बिरसा मुंडा की जयंती पर अवकाश के तौर पर चिह्नित कर दिया जाएगा।




किसी और की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें बिरसा मुंडा की मूर्ति बताकर भाजपा ने उनका अपमान किया
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर महीने की शुरुआत में बंगाल दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने बांकुडा आदिवासी परिवार के घर भोजन किया था और बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया था। इसे लेकर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (शाह) जिस प्रतिमा पर माल्यार्पण किया वह भगवान बिरसा मुंडा की नहीं थी बल्कि एक स्थानीय शिकारी की थी। उन्होंने कहा कि किसी और की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें बिरसा मुंडा की मूर्ति बताकर भाजपा ने उनका अपमान किया है। अमित शाह का नाम लिए बगैर ममता ने कहा वह आए थे और क्या किया? एक मूर्ति पर माला डाला। बाद में आप लोगों ने कहा कि वह मूर्ति बिरसा मुंडा की नहीं है, शिकारी की मूर्ति है। मैं शिकारी का भी सम्मान करती हूं। तुम विद्यासागर की मूर्ति तोड़ोगे और बिरसा मुंडा बोलकर किसी भी मूर्ति पर माला डालोगे। यह अपमान है।
दरअसल अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा का चुनाव होने हैं जिसमें राज्य के कई जिलों में आदिवासी समुदाय निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदिवासी समुदाय ने बड़े पैमाने पर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया था और उसके पहले 2018 के मई में पंचायत चुनाव के दौरान भी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भाजपा को ही बढ़त मिली थी। 2021 के विधानसभा चुनाव में भी इस समुदाय का वोट सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस तथा विपक्षी भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए दोनों ही पार्टियां इन्हें लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती।