ASANSOL

चोरी का कोयला खरीदनेवाले फैक्ट्रियों पर हो सकती है कार्रवाई !

CBI के हाथ लगी फैक्ट्रियों की सूची

बंगाल मिरर, एस सिंह, क्राइम रिपोर्टर, आसनसोल ः भारत में कानूनी चोरी का सामान खरीदनेवाले भी दोषी माने जाते हैं। शिल्पांचल में अवैध कोयला कारोबार में जब तस्करों पर कार्रवाई हो रही है, तो इसके साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या चोरी का कोयला खरीदनेवाले फैक्ट्रियों पर कार्रवाई होगी। क्योंकि रानीगंज, जामुड़िया और दुर्गापुर की अधिकांश फैक्ट्रियों तथी ईटा भट्ठों में ही चोरी का कोयला खपाया जाता था। सूत्रों के अनुसार चोरी का कोयला खरीदनेवाले फैक्ट्रियों पर हो सकती है कार्रवाई।

दुर्गापुर से बनारस के लिए खरीदा गया कोयला बीच में हुआ गायब
coal file photo

सूत्रों की मानें तो इस अंचल में इन फैक्ट्रियों के फलने-फूलने का मूल कारण अवैध कोयला कारोबार ही था। क्योंकि देश में कहीं भी कारखाने लगाने पर इतनी सस्ती दर पर कोयला नहीं मिलता। इसलिए विभिन्न उद्योगों का यहां चोरी के कोयले पर निर्भरता के कारण ही विस्तार पर जोर दिया। आज जामुड़िया के औद्योगिक क्षेत्र या रानीगंज या फिर दुर्गापुर या फिर कोदोविटा, सीबीआई अगर इन कारखानों से कोयला माफियाओं के लिंक तलाशे, तो कई बड़ी मछलियां जाल में फंसेगी।

अवैध कोयला कारोबार बंद होने के बाद से कारखाना प्रबंधन के हाथ पांव फूलने लगे है। क्योंकि अब चोरी का कोयला मिलना बंद हो चुका है। एेसे में इन्हें अब वैध रूप से कोयला खरीदना होगा। जो अवैध कोयले की तुलना में महंगा है। इससे इनकी लागत भी बढ़ेगी। वहीं अवैध कोयला कारोबार पर अंकुश लगने से वैध कोयले की कीमत में भी उछाल देखने को मिल रहा है। अब यह तो समय बतायेगा कि चोरी का कोयला खरीदनेवालों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने लाला के कार्यालय से जो दस्तावेज जब्त किये हैं, उसमें सीबीआई ने इन फैक्ट्रियों की सूची भी मिली है। जो चोरी का कोयला खरीदते थे। हो सकता है कि उस सूची के आधार पर सीबीआई जांच के दौरान इन फैक्ट्रियों को भी तलब करे। इसके साथ ही इन फैक्ट्रियों औऱ कोयला माफियाओं के बीच दलाली का कार्य करनेवाले भी रडार में है। जिसमें कई फरार बताये जा रहे हैं।

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