ASANSOL में मारवाड़ी युवा मंच का स्थापना दिवस मनाया
बंगाल मिरर, आसनसोल : अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के 37 वे स्थापना दिवस पर शहर के महाबीर स्थान के सभागार में मंच स्थापना दिवस आसनसोल सिटी शाखा के द्वारा मनाया गया । इस मौके पर बच्चो में केक , चॉक्लेट के साथ साथ कोरोना महामारी में लॉक डाउन के समय ऑनलाइन आयोजित चित्रांकन , निबंध और भाषण प्रतियोगिता में विजयी हुए प्रतिभागियों को ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट के साथ मिठाई का डिब्बा देकर सम्मानित किया गया ।
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रांतिय अध्यक्ष श्री अनिल मोहंका , पूर्व प्रांतीय कोषाध्यक्ष श्री आनंद पारीक , महाबीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा , प्रांतीय संयुक्त सचिव श्री संदीप शर्मा , मंडलीय सहायक मंत्री अतुल गुप्ता , आसनसोल शाखा के पूर्व अध्यक्ष श्री अभिषेक केड़िया , मारवाड़ी महिला समिति की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती मधु डुमरेवाल , उपाध्यक्ष निधि पसारी , सचिव सोनल गाडीवान , बल बिकास प्रमुख रचना माखरिया अदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
मंच संचालन करते हुए शाखा के अध्यक्ष सुदीप अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं मंच स्थापना की सभी को बधाई दी। इस मौके पर श्री अनिल मोहंका ने कहा कि 20. 01.1985 को गुवाहाटी में मारवाड़ी युवा मंच की स्थापना हुई एवं आज 37 वर्ष से लगभग भारत के सभी राज्यो में निरंतर सेवा देते हुए 800 से अधिक शाखाएँ कार्यरत है। आसनसोल शाखा के द्वारा किये जा रहे सेवा मूलक कार्यो को भी उन्होंने गिनवाया एवं भविष्यमे ऐसे ही कार्यो को करने की प्रेरणा भी दी ।
ज्ञातव्य है कि मारवाड़ी युवा मंच आसनसोल सिटी शाखा के द्वारा निरंतर अमृतधारा , रक्तदान , आप की राडोई , स्पताहिक खिचड़ी वितरण , निर्मल बंगला , अंगदान, गौ सेवा अदि जैसे सामाजिक कार्य हमेशा किये जाते है एवं शाखा के सदस्य सेवा भाव में सदा तत्पर रहते है । शाखा सचिव कुणाल अग्रवाल एवं युवा विकास संयोजक विकाश जालान , संदीप दारूका के साथ साथ सभी सदस्यगण उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में मारवाड़ी महिला समिति की बाल बिकास प्रमुख रचना माखरिया को उनके सेवा कार्यो के लिए शाखा द्वारा एक मोमेंटो देकर सम्मानित कीट गया । अनिल मोहंका जी ने शाखा के नए कार्यालय का फीता काट कर उदघाट्न किया।स्थापना दिवस के उपलक्ष पर दिन की शुरुआत आसनसोल गौशाला में गौ सेवा से की गयी। गौवंश को चारा , चोकर , गुड़ खिलाया गया । शाम को महाबीर स्थान मंदिर के बहार आप की रसोई के अंतर्गत दीन दुखियों को विशेष भोजन, फल और मिठाई खिलायी गयी।