TMC विधायक प्रबीर घोषाल ने छोड़ी पार्टी, BJP में हो सकते हैं शामिल
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : TMC विधायक प्रबीर घोषाल ने छोड़ी पार्टी, BJP में हो सकते हैं शामिल।प्रबीर घोषाल टीएमसी के हुगली जिला संगठन के रूप में एक अहम भूमिका निभाते रहे हैं. घोषाल के अलावा हावड़ा के कई नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. माना जा रहा है कि ये सभी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक और सांसद लगातार ममता बनर्जी का साथ छोड़ रहे हैं. इसी क्रम में ममता के एक और विधायक ने उनका साथ छोड़ दिया है. उत्तरपाड़ा के तृणमूल कांग्रेस विधायक प्रबीर घोषाल ने टीएमसी को बाय-बाय कह दिया है. माना जा रहा है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. प्रबीर घोषाल पिछले कई दिनों से टीएमसी के कामकाज करने की तरीकों पर सवाल उठा रहे थे.
प्रबीर घोषाल को टीएमसी छोड़ने को लेकर तभी से कयास लगाए जाने लगा था जब वह हाल ही में ममता बनर्जी की हुगली के पुरशुरा रैली में नहीं पहुंचे थे. प्रबीर टीएमसी के टिकट पर उत्तरपाड़ा सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे थे. उत्तरपाड़ा हुगली जिले में ही हैं और प्रबीर घोषाल टीएमसी के हुगली जिला संगठन के रूप में एक अहम भूमिका निभाते रहे हैं. घोषाल के अलावा हावड़ा के कई नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. माना जा रहा है कि ये सभी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
इन नेताओं ने छोड़ा ममता का साथ
टीएमसी के नेता लगातार ममता का साथ छोड़ रहे हैं. इसी महीने टीएमसी सरकार में मंत्री राजीब बनर्जी और विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने इस्तीफा दे दिया था. राजीब बनर्जी ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, “मुझे यह बताते हुए खेद है कि आज 22 जनवरी 2021 को मैंने कैबिनेट मंत्री के पद से अपने कार्यालय से अपना इस्तीफा दे रहा हूं.
ये नेता टीएमसी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
2015 में लॉकेट चटर्जी तृणमूल से बीजेपी में शामिल हुए. वह अब 2019 में जीते हुगली से बीजेपी सांसद हैं. 2017 में टीएमसी नेता मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हुए, वे अब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. 2019 में निष्कासित टीएमसी सांसद अनुपम हाजरा बीजेपी में शामिल हुए, अब वे बीजेपी के सचिव हैं. इसी साल टीएमसी के सांसद सौमित्र खान भी बीजेपी में शामिल हुए. उन्होंने बीजेपी से 2019 का चुनाव जीता.
टीएमसी के सुभ्रांशे रॉय (बीजपुर विधायक) भी बीजेपी में शामिल हुए. टीएमसी के विधायक तुषारकांति भट्टाचार्जी बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन वह अगस्त 2020 में टीएमसी में लौट आए. पश्चिम बंगाल के लबपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मोनिरुल इस्लाम भी भाजपा में शामिल हुए थे. 2019 में ही टीएमसी के पूर्व विधायक गदाधर हाजरा, तृणमूल युवा विंग के प्रमुख आसिफ इकबाल और निमाई दास को भाजपा में शामिल किया गया. इसी साल टीएमसी के चार बार के विधायक और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी बीजेपी में शामिल हुए. टीएमसी नेता सब्यसाची दत्ता, राजारहाट न्यूटाउन विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए. 2020 में टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसी साल के अंत में ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री शुवेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए, जो टीएमसी के लिए बड़ा झटका था
शुभेंदु का वार : कौन हैं मैडम नरेला? थाईलैंड के बैंक में हर महीने भेजे जाते हैं 36 लाख रुपये
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर अन्य पार्टियों में शामिल होने वाले नेताओं को सोमवार को चोर करार दिया. हुगली जिला में उन्होंने पार्टी छोड़ने वालों के बारे में कहा कि उन्होंने बहुत पैसे कमा लिये थे. इसलिए भाजपा में चले गये. वहीं, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने रविवार को शुभेंदु अधिकारी पर सीधा वार करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट हैं, रिश्वतखोर हैं. शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को तमलूक की अपनी सभा से दोनों आरोपों पर एक साथ पलटवार किया.
उन्होंने कहा कि थाईलैंड के एक बैंक अकाउंट में हर महीने 36 लाख रुपये भेजे जाते हैं. ये पैसे मैडम नरेला के खाते में डाले जाते हैं. शुभेंदु अधिकारी ने सवाल किया कि ये मैडम नरेला कौन हैं? उन्होंने अभिषेक बनर्जी को भ्रष्ट बताया, जबकि ममता बनर्जी पर भाजपा का स्लोगन चोरी करने का आरोप लगाया.
अभिषेक बनर्जी को छोटा बच्चा कहकर उन पर कटाक्ष किया. अभिषेक को तोलाबाज भाईपो संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस लड़के ने बहुत कम उम्र में धोखाधड़ी करना सीख लिया. उसने फेक विश्व भारती से एमबीए की डिग्री ली है. जिस विश्वविद्यालय से उसने डिग्री ली है, उस नाम का कोई भी यूनिवर्सिटी दिल्ली में नहीं है.
इससे पहले रविवार को अभिषेक बनर्जी ने शुभेंदु पर जबर्दस्त हमला बोला था, तो सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद तृणमूल छोड़कर जाने वालों को चोर बताया था. कहा था कि वैसे लोग पार्टी छोड़कर चले गये हैं, जिन्हें इस बार टिकट नहीं मिलने वाला था.