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CAIT का व्यापार बंद 26 को

बंगाल मिरर, संजीव यादव, बराकर : CAIT का व्यापार बंद 26 को, कैट बंद को प्रभावी ढंग सेे लागू करनेे के जोर शोर से जुुुटा है।

कनफ़ेडरेशन ओफ़ ऑल इन्डिया ट्रेड्स् CAIT के पश्चिम बंगाल शाखा की बैठक बुधवार को कोलकाता के होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल के सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अध्यक्ष सुभाष अग्रवाला ने की । आगामी 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद के आह्वान के संदर्भ में इस सभा का आयोजन किया गया था एवम एवं इस में पूरे पश्चिम बंगाल के सभी जिलों से व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए । इस सभा में CAIT के राष्ट्रीय महासचिव श्री प्रवीण खंडेलवलजी प्रधान अतिथी के रुप में शामिल थे। उन्होंने सभा को सम्बोधित किया।

आगामी 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद के आह्वान को पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है । पूरे पश्चिम बंगाल में ही लगभग 500 से ज्यादा छोटे बड़े संगठन व्यापार बंद में शामिल होंगे ।

यह व्यापार बंद केंद्रीय सरकार के जीएसटी कानून में बढ़ते जटिलताओं एवं छोटे मझोले एवं बड़े व्यवसायियों को इससे होने वाली सुविधाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया है l जीएसटी कानून की अवधारणा एक सरल कानून के रूप में की गई थी और उस समय व्यापारियों ने इसका समर्थन भी किया था । उन्हें आशा थी कि एक ऐसा कानून आएगा जिससे की उनका व्यवसाय और टैक्स नियमों का पालन करना सरल हो जाएगा एवं अफसरशाही केस से उपजे जटिलताओं से उन्हें मुक्ति मिलेगीl

मगर अफसोस की बात है कि ऐसा हो ना सका और केंद्रीय सरकार ने आज इस से एक ऐसे कानून के रूप में परिवर्तित कर दिया है जो किसी भी तरीके से व्यापार और व्यापारियों के हित में नहीं हैं ।

इसकी जटिलताओं का पालन करना किसी भी आम व्यापारी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है और इसके कड़े एवं कठोर नियम तलवार के रूप में व्यापारियों के ऊपर झूल रहे हैं।

इन्हीं नियमों को देखते हुए एवं इनके सरलीकरण के मांग पर नागपुर में हुए सर्व राष्ट्रीय सम्मेलन कॉन्फ़िगरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है एवं सभी बाजारों से बंद के लिए व्यापक समर्थन मिल रहा है क्योंकि जीएसटी के वर्तमान स्वरूप को लेकर व्यापारियों में बेहद गुस्से और आक्रोश का माहौल है।

यह केवल बंगाल में ही नहीं बल्कि देश भर में व्यापारियों के बीच आक्रोश का माहौल बना हुआ है l ट्रांसपोर्ट के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने पहले ही व्यापार बंद का समर्थन करते हुए या घोषणा कर दी है कि 26 फरवरी को देश भर में ट्रांसपोर्टर अपना चक्का जाम रखेंगे l
इनके अलावा विभिन्न राज्यों में काम कर रहे टैक्स प्रैक्टिशनर्स चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार, कंपनी सेक्रेटरी, लघु उद्योग महिला उद्यमी संगठनों द्वारा भी भारत व्यापार बंद का समर्थन लगातार जारी है l

जिस प्रकार से भारत व्यापार बंद को देशभर के संगठनों का स्वता समर्थन मिल रहा है उससे यह साफ दिखाई दे रहा है कि जीएसटी के वर्तमान स्वरूप को लेकर देशभर में रोष और आक्रोश का माहौल बना हुआ है l कैट के पश्चिम बंगाल के प्रदेश चेयरमैन श्री सुभाष अग्रवाल व अधक्ष श्री कमल जैन ने बताया कि भारत व्यापार बंद के लिए देश भर में 40000 से ज्यादा व्यापारी संगठन 16 फरवरी से लेकर 20 फरवरी तक राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, जीएसटी कमिश्नर, जिला कलेक्टर, विधायक एवं सांसदों को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे और वहीं 22 फरवरी को देश के सभी बाजारों में व्यापारी मार्च निकाले जाएंगे तथा 21 फरवरी से 25 फरवरी तक देश भर के बाजारों में बंद को सफल बनाने का आह्वान किया जाएगा l

26 जनवरी को देश भर में धरने आयोजित किए जाएंगे तथा देश भर के व्यापारियों से आग्रह किया जाएगा कि उस दिन कोई भी व्यापारी विरोध स्वरूप जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन नहीं करेगा l श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक जीएसटी कल प्रणाली में लगभग ९३७ मनमाने संशोधन किए गए हैं और किसी भी संशोधन को करने से पहले व्यापारियों से कोई राय मशवरा नहीं किया गया है। इन संशोधनों के कारण वर्तमान जीएसटी कर प्रणाली बेहद विकृत हो गई है और जीएसटी एक तरह से मुगलों के जमाने का जजिया कर बन गया है जिसमें ना कोई अपील है, ना दलील है पर व्यापारी हो रहा जलील है , जिसे देश भर के व्यापारी किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे l
उन्होंने कहा कि अधिनायकवाद की पूरी छाप जीएसटी पर पड़ गई है जिसमें एक तरफ का आदेश दिए जा रहे हैं और दूसरी तरफ से किसी से कुछ पूछा नहीं जा रहा है l जीएसटी के विभिन्न आदेश में व्यापारियों को कर पालन से बुरी तरह शोषण किया गया है और कर अधिकारियों को मनमाने खुले अधिकार दे दिए गए हैं l जीएसटी का वर्तमान स्वरूप प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इज ऑफ डूइंग बिजनेस के घोषित कार्यक्रम के पूर्ण विरुद्ध है एवं ऐसा साफ दिखाई दे रहा है कि देश का अधिकारी तंत्र जीएसटी कर प्रणाली पर हावी हो गया है l

देशभर में लगता है अफसरशाही बेलगाम हो गई है और तानाशाही प्रवृत्ति का बीज उनमें अंकुरित हो गया है। व्यापारियों को जीएसटी ने एक तरह से सरकार का बंधुआ मजदूर बना दिया है l घर पालन का इतना बोझ डाल दिया गया है कि व्यापारी को व्यापार करने का समय नहीं मिल पाता है पूरे दिन व्यापारिक कर पालन के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरफ फंसा हुआ है l
अब देश भर के व्यापारियों ने जीएसटी पर आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया हैl

सभा में मौजूद कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपसभापति श राजेंद्र प्रसाद जी खेतान ने भी व्यापारियों से आह्वान किया कि वह इस काले कानून के विरुद्ध खड़े हो एवं 26 तारीख के भारत व्यापार बंद को सफल बना कर सरकार को एक कड़ा संदेश दें और व्यापारी एकता को मजबूत बनाएंl

पश्चिम बंगाल शाखा के अध्यक्ष कमल जैन जी ने भी अपने स्वागत भाषण में मौजूद सभी व्यापारी नेताओं से अपने-अपने जिलों में जाकर इस बंद के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि जब तक सरकार इन जटिलताओं को सरल नहीं करती है तब तक कन्फ़ेडरेसन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का नेतृत्व व्यापारियों के साथ खड़ा रहकर इस लड़ाई को जारी रखेगा।

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