रानीगंज में तृणमूल हिन्दी प्रकोष्ठ की सभा में उमड़ा जनसैलाब
बंगाल मिरर, दलजीत सिंह, रानीगंज- पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस हिंदी प्रकोष्ठ की ओर से रानीसायर स्तिथ डागा मैदान में “हिंदी भाषी दीदी के संग”सभा का आयोजन किया गया। इसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा। इसका शुभारंभ भोजपुरी एवं हिंदी गीत संगीत के माध्यम से शुरू की गयी.
हिंदी प्रकोष्ठ के प्रमुख मनोज यादव ने कहा कि वर्तमान की सरकार एक के बाद एक योजना के तहत शिक्षा के क्षेत्र में भी हस्तक्षेप करते हुए सरकारी शिक्षण संस्थाओं को अपंग बना रही है .ऐसे समय में तृणमूल कांग्रेस ममता की सरकार ने इस क्षेत्र के हिंदी भाषी स्कूलों को पूर्ण जीवित किया जबकि माकपा के समय में हिंदी भाषियों का जो उपेक्षा हुआ करता था उसे दूर की है .हमें अपना अधिकार मिला है .
मनोज यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश भर में जितने भी सरकारी तथा हिंदी स्कूल है उनके विषय में केंद्र सरकार कहती है कि उन स्कूलों का दायित्व केंद्र सरकार का नहीं है जबकि पूरे देश के सभी सरकारी तथा हिंदी स्कूलों का उत्तरदायित्व केंद्र सरकार को ही लेना चाहिए.वहीं उन्होंने भाजपा सरकार के विषय में कहा कि भाजपा सरकार धर्म के नाम पर लोगों को बरगला रही है, परंतु यह वक्त है कि लोग जागरूक होकर बंगाल की परिस्थिति को सुधारने के लिए तथा बंगाल को और उन्नतशील बनाने के लिए ममता सरकार का साथ दें.
वही इस मौके पर टीएमसी ब्लाक अध्यक्ष कंचन तिवारी, पूर्व एम आई सी दिबेंदु भगत, संदीप भालोटीया, वापी चक्रवर्ती, हिना खातून, अर्जुन उपाध्याय,पूर्व पार्षद श्यामा उपाध्याय,दयाशंकर रॉय,इंदर सिंह,सदन सिंह, जिला सचिव मुकेश झा, सहित अन्य सदस्यगण मुख्य रूप से उपस्थित रहकर इस जनसभा में अपना अपना योगदान दिया
वहीं मंच पर उपस्थित तृणमूल कांग्रेस के जिला संयोजक हरे राम सिंह ने अपना वक्तव्य भोजपुरी भाषा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में तृणमूल कांग्रेस की सरकार अर्थात ममता दीदी के आने के बाद हिंदी भाषियों को जो सम्मान यहां मिली है वह सम्मान बिहारियों को बिहार में भी नहीं मिला. हमारे पूर्वज बाप दादा ने बंगाल को सजाया है, सांवरा है यही वजह है कि हम लोग का भी दायित्व बनता है,आगामी विधानसभा चुनाव में दीदी को अपना मत देकर विजय बनाएं.
जिला युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष रुपेश यादव ने अपने तेजस्वी वक्तव्य में कहा कि हम लोग हिंदी भाषी बंगाली हैं, यहां जो हिंदी भाषी को सुविधाएं मिल रही है ऐतिहासिक है .छठ जैसे त्यौहार में भी हमें छुट्टी मिलती है .त्योहारों को मनाने के लिए हमारे साथ कोई भेदभाव नहीं होता है .हम इस मिट्टी के हैं. इसका पूरा स्नेह ममता दीदी को जाती है .