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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच HOLI व अन्य त्योहारों पर राज्यों की Guidelines के बारे में जानें

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना से बचाव के चलते कई राज्‍यों ने HOLI Guidelines अपने यहां पब्लिक प्‍लेसेज पर होली खेलने पर रोक लगा दी है। इस कड़ी में मुंबई, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, और ओडिशा शामिल हैं। इसके अलावा बिहार में होली मिलन के समारोह में जाने पर पाबंदी लगाई गई है। दिल्‍ली में किसी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकेंगे। मुंबई और चंडीगढ़ में भी ऐसे ही नियम बनाए गए है। इन सबके अलावा मध्‍य प्रदेश में भी लोगों से घर के भीतर होली मनाने की अपील की गई है। इसके अलावा राज्यों के द्वारा सभी जनमानस से टीका लगवाने का आग्रह किया गया है।
ओडिशा में होली सेलिब्रेशन पर रहेगी रोक

1) ओडिशा सरकार ने भी इस साल होली से जुड़े समारोहों पर रोक लगा दी है।
2) पब्लिक प्‍लेसेज पर होली नहीं खेल सकेंगे। घरों में होली खेलने पर कोई रोक नहीं है।
3) धार्मिक और सांस्‍कृतिक समारोहों की अनुमति नहीं होगी।
4) ओडिशा के कई जिलों में नाईट कर्फ्यू लगाया गया है।

दिल्ली में होली को लेकर नई गाइडलाइन्स

1) दिल्‍ली डिजास्‍टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने भीड़ इकट्ठा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।
2) किसी भी सार्वजनिक स्‍थान, पार्क, मार्किट या धार्मिक स्‍थान पर सार्वजनिक उत्‍सव आयोजित करने पर रोक रहेगी।
3) कोरोना के ज्‍यादा केस वाले राज्‍यों से आने वालों यात्रियों का कोविड टेस्‍ट होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही दिल्‍ली में एंट्री मिलेगी। पॉजिटिव होने पर क्‍वारंटीन किया जाएगा।

यूपी-बिहार-मध्यप्रदेश में भी राज्य सरकारों की “क्लियर नो”

1) यूपी सरकार ने सीनियर सिटि‍जंस और खतरे वाले ग्रुप्‍स को होली मनाने से बचने को कहा है।
2) बिना प्रशासन की अनुमति के किसी जुलूस या समारोह की इजाजत नहीं होगी।
3) हाई केसेज वाले राज्‍यों से आने वालों की कोविड टेस्टिंग होगी।
4) 24 से 31 मार्च के बीच आठवीं तक स्‍कूलों में होली की छुट्टी रहेगी।
5) बिहार में होली के मौके पर कोई मेला नहीं होगा।
6) मध्यप्रदेश में मास्‍क को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
7) एमपी में अब किसी भी फंक्‍शन में 20 से ज्‍यादा लोग नहीं जुट सकेंगे।

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चंडीगढ़ में HOLI Guidelines भी समूह में होली खेलना मना


1) चंडीगढ़ प्रशासन ने सोमवार को होली से जुड़े सभी समारोहों पर रोक का आदेश जारी किया है। किसी भी जगह होली मिलन समारोह नहीं होगा।
2) क्‍लब्‍स, होटलों और रेस्‍तरां में होली पर कोई भीड़ एकत्रित नहीं होगी।
3) आदेश में सभी व्यापारियों को सीटिंग कैपेसिटी के 50% पर ऑपरेट करने को कहा गया है। किसी मेला/प्रदर्शनी की इजाजत नहीं होगी।
4) पॉलिटिकल, सामाजिक मेलजोल के अलावा शादियों के लिए भी डेप्‍युटी कमिश्‍नर से अनुमति जरूरी होगी।

मुंबई में होली कार्यक्रमों पर रोक

बीएमसी ने HOLI Guidelines सभी प्राइवेट (घरेलू सोसायटीज के भीतर) और पब्लिक प्‍लेसेज पर होली मनाने पर रोक लगा दी है। होलिका दहन और रंग पंचमी आपको घर के भीतर ही खेलनी पड़ेगी। पालघर जिला प्रशासन ने भी ऐसे ही प्रतिबंध लागू किए हैं। उल्लंघनकर्ताओं पर महामारी रोग अधिनियम-1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गुजरात में शर्तों के साथ सेलिब्रेशन का आदेश

गुजरात सरकार ने होली मनाने की इजाजत दी है, लेकिन कुछ शर्तें HOLI Guidelines भी लगाई हैं। इस बार सीमित संख्या में होलिका दहन की मंजूरी दी गई है। धुलेंडी के दिन एक-दूसरे को रंग लगाने और भीड़ में होली खेलने पर प्रतिबंध रहेगा। उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर रंग खेलने की इजाजत नहीं है।

जो रस बरस रह्यो बरसाने सो रस तीन लोक में नाय: मथुरा की गलियों में बरसने लगा होली का रंग

 HOLI Guidelines

होली के त्योहार को महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में होली का जिक्र हो और बात कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा की ना हो, फिर तो होली का रंग ही फीका है, क्योंकि होली के असली रंग तो नंदलाल की नगरी मथुरा में ही है। मथुरा में ही तो राधा और कृष्ण कन्हैया ने अपने प्यार के रंगों से सारे देश को सराबोर किया था। तो आइए आज मथुरा की होली के बारे में जानते हैं।

40 दिन पहले होती है होली की शुरुआत

राधा और कृष्ण के प्रेम की नगरी मथुरा ऐसी जगह है, जहां रंगों का त्योहार बेगानों को भी अपना बना देता है और आसमान में खुशियों के रंग बिखेर देता है। मथुरा की होली इतनी प्रसिद्ध है कि लोग दूर विदेशों से भी खींचे चले आते हैं। यहां होली के 40 दिन पहले से ही होली की शुरुआत कर दी जाती है। महिलाएं 40 दिन पहले ही रोज एक दूसरे को गुलाल लगाती है। हर घर में गुजिया बनती है। सड़कें रंगों से रंग जाती है। नंदलाल के धाम द्वारकाधीश में हर रोज सुबह 6 बजे आरती के बाद लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

सदियों से चल रही परंपरा

कहा जाता है कि हजारों साल पहले मथुरा में राधा रानी को कृष्ण और उनके सखा परेशान करने के लिए रंगों से रंगते थे। श्री कृष्ण सांवले थे और वो राधा के गोर रूप को लेकर उनसे चिढ़ते थे। इसलिए कृष्ण अक्सर राधा के ऊपर रंग फेंका करते थे। भगवान श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा को रंग लगाने जाते थे,जिसके बाद राधा और उनकी सखियां रंग से बचने के लिए बांस की लाठियों से उन्हें दौड़ाती थीं, तभी से लट्ठमार होली बरसाना की परंपरा बन चुकी है।

हुरियारों पर बरसती है प्रेम पगी लाठियां

मथुरा स्थित नंदगांव में आज से लट्ठमार होली की शुरुआत हो रही है। हर साल नंदगांव के हुरियारे (पुरुष) होली खेलने के लिए निकलते हैं तो उधर हुरियारिनें (महिलाएं) सज-धजकर होली खेलने के लिए पूरी तैयारी से निकलती हैं। हुरियारे हुरियारिनों से हास-परिहास करते हैं। हास-परिहास ऐसी कि हुरियारिनें प्रेम से हुरियारों को घेर-घेर कर तड़ातड़ लाठियां बरसाती हैं। हुरियारे ढाल से लठ के वार का बचाव करते हैं। इधर दनादन प्रेम पगी लाठियों के हमले और रंगों की फुहार के बीच के अद्भुत नजारे का साक्षी बनने के लिए हजारों किमी से देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।

नंदगांव की होली के अगले दिन ब्रज में रंगभरी एकादशी धूमधाम से मनाई जाती है। इसके बाद वृंदावन में पांच दिन तक यानी फाल्गुन एकादशी से पूर्णिमा तक बांके बिहारी मंदिर में सुबह-शाम गुलाल, टेसू के रंग और इत्र व गुलाब जल आदि से जबरदस्त होली खेली जाती है।

मथुरा में अलग-अलग जगह होली का कार्यक्रम

24 मार्च नंदगांव में लट्ठमार होली
25 मार्च रंगभरी एकादशी पर वृंदावन की होली
28 मार्च को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका-दहन
29 मार्च ब्रज में रंग और गुलाल की होली
30 मार्च बलदेव में दाऊजी का हुरंगा

राधा रानी और कृष्ण ने जिस तरह से सदियों पहले नटखट तरह से होली के त्योहार को अपने प्यार के रंगों से रंगा था, हजारों साल बाद आज भी मथुरा में लोग इसी खुशी और उमंग के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। हालांकि कोरोना काल की वजह से इस साल होली को लेकर सरकार और जिला प्रशासन की ओर से HOLI Guidelines कई दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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