अब घर में भी लगाएं मास्क, होम आइसोलेशन में रखें पूरा ख्याल, जानें क्यों है सभी के लिए जरूरी
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: भारत में कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी चेहरे पर मास्क लगाना Wear Mask और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अगर आप पूरी तरह से वैक्सीनेटिड भी हैं तब भी आपको मास्क लगाना बंद नहीं करना है। उन्होंने कहा कि यह वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और इस बात की अनिश्चितता बरकरार है कि वायरस के लगातार बदलते स्वरूप में हमारी वैक्सीन कितनी असरदार साबित हो सकती हैं।




अमेरिका में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता हटी
दरअसल, कुछ दिन पहले अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) ने वहां के लोगों को कहा है कि जिन भी लोगों ने इस वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं, उन्हें मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, भारत के सरकारी अधिकारियों और मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक्त इस तरह की घोषणा करना थोड़ी जल्दबाजी है।
डॉ. गुलेरिया ने आगे कहा कि लोगों को अभी सतर्क रहने की जरूरत है। कम से कम तब तक जब तक देश के अधिकांश लोग वैक्सीनेट नहीं हो जाते। उन्होंने कहा कि अभी मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में ही भलाई है।
घर के अंदर भी पहनें मास्क
नए वैरिएंट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि वह बाहर के साथ अब घर के अंदर भी मास्क पहनना शुरू कर दें। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के पॉल इसपर कहते हैं, “यदि परिवार में कोई कोविड-19 पॉजिटिव है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति घर के अंदर भी मास्क पहनें क्योंकि यह वायरस घर के दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके बजाय मैं यह कहना चाहूंगा कि समय आ गया है कि हम घर पर ही मास्क पहनना शुरू कर दें”।
डबल मास्क लगाने की दी जा रही है सलाह
राम मनोहर लोहिया (आर.एम.एल.) अस्पताल के डॉ. ए. के. वार्ष्णेय मास्क लगाने के सही तरीके के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि सर्जिकल मास्क ज्यादातर लोग ढीला लगाते हैं, लेकिन इसे इस तरह लगाएं कि मास्क लगाने के बाद मुंह की भाप या हवा बाहर न जाएं क्योंकि अगर हवा बाहर आ रही है तो अंदर भी जा सकती है। इससे वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है। वहीं, कॉटन मास्क को लेकर वह कहते हैं कि ये एन95 और सर्जिकल मास्क से कम या 50 प्रतिशत तक ही प्रोटेक्शन देते हैं। ऐसे में अब डबल मास्क लगाने के लिए कहा जा रहा है। अगर बाहर जा रहे हैं तो नीचे सर्जिकल मास्क लगाएं और ऊपर से कॉटन मास्क लगाएं। ऊपर कॉटन मास्क इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उसे धो सकते हैं। लेकिन एन-95 मास्क लगाया तो डबल मास्क की जरूरत नहीं है।
कैसे पहनें डबल मास्क
हाल ही में, डबल मास्क को लेकर नई एडवाइजरी जारी की गई है उसमें कहा गया है कि-
- डबल मास्क में सर्जिकल मास्क और डबल या ट्रिपल लेयर का कपड़े वाला मास्क होना चाहिए।
- अपनी नाक पर मास्क को कसकर दबाएं।
- यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मास्क की वजह से आपको सांस लेने में कोई दिक्कत न आए।
- कपड़े के मास्क को नियमित रूप से धोएं।
- एक ही तरह के दो मास्क को पेयर न करें।
- लगातार दो दिनों तक एक ही मास्क न पहनें।
होम आइसोलेशन में रखें किन बातों का ख्याल, पढ़ें ये जरूरी टिप्स
कोविड-19 के रोगियों को आमतौर पर बुखार, सूखी खांसी, थकान और स्वाद या सूंघ न आने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, गले में जलन, सिरदर्द, शरीर में दर्द, दस्त, त्वचा पर दाने और आंखें लाल हो जाना जैसे लक्षण भी दुर्लभ मामलों में देखे जाते हैं । अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण खुद में महसूस करते हैं तो आपको तुरंत खुद को दूसरों से अलग कर लेना चाहिए। शनिवार को एम्स के डॉक्टरों ने कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए होम आइसोलेशन और दवाइयों को लेकर एक वेबिनार किया। इसमें उन्होंने बताया कि हल्के लक्षण यानि माइल्ड सिम्पटम वाले रोगियों को होम आइसोलेशन में किस तरह रहना है और किन दवाइयों को लेना है।
अगर लक्षण हैं और आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आया है तो क्या करें?
एम्स के डॉक्टर नीरज इसपर कहते हैं कि 80 फीसदी संक्रमित मरीजों में बेहद हल्के लक्षण होते हैं। यदि आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आता है, लेकिन लक्षण मौजूद हैं, तो दूसरे टेस्ट के लिए जाएं। अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं? यह बीमारी कितनी गंभीर है, इसके आधार पर तय किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि दवाओं को उचित मात्रा में और सही समय पर लेना चाहिए। दवा के बारे में जानना ही काफी नहीं है, मरीजों को यह भी पता होना चाहिए कि उन्हें कैसे और कब दवाई लेनी है।
इसके साथ जो लोग संक्रमित हैं उनके लिए कुछ उपाय दिए गए हैं:
हर चीज के लिए बनाएं योजना
कोविड-19 पॉजिटिव हैं तो नियमित दवाएं लें। स्वच्छता और सफाई का ख्याल रखें। मेडिकल ग्रेड मास्क पहले से स्टॉक करके रखें। इसके साथ दैनिक आवश्यक चीजों की योजना बनानी चाहिए और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, हॉटलाइन आदि के लिए नंबरों की सूची तैयार रखें। इसके साथ ही आपातकालीन स्थितियों के लिए दोस्तों, परिवार के अन्य सदस्यों और पड़ोसियों के कॉन्टैक्ट नंबर भी संभाल कर रखें।
होम आइसोलेशन में रखें पूरा ख्याल
हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जाता है। ऐसे रोगियों को परिवार के अन्य सदस्यों, विशेषकर बच्चों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना चाहिए। जरूरी दवाएं रोगियों को आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। देखभाल करने वाले और डॉक्टर के बीच उचित और नियमित संचार आवश्यक है। पॉजिटिव मरीजों को हमेशा थ्री लेयर मास्क पहनना चाहिए। मास्क को हर 8 घंटे में उचित सैनिटाइजेशन के बाद फेंक देना चाहिए। रोगी और देखभाल करने वाले दोनों को एक दूसरे के साथ बातचीत करते समय एन-95 मास्क पहनना चाहिए।
ऐसे करें ऑक्सीमीटर का उपयोग
कोविड-19 रोगी को शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए। आर्टिफिशियल नाखून या नेल पॉलिश का उपयोग करने से पहले हटा देना चाहिए और ठंडा होने पर रोगी के हाथ को गर्म करना चाहिए। ऑक्सीमीटर से चेक करने से पहले कम से कम पांच मिनट आराम करें। अगर रीडिंग पांच सेकंड के लिए स्थिर है, तो यह आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को दर्शाता है। डॉ. नीरज कहते हैं कि रेमडेसिविर को कभी भी घर में नहीं लेना चाहिए। होम आइसोलेशन में हैं तो पॉजिटिव रहें और नियमित व्यायाम करें।
ऑक्सीजन 94 से नीचे जाती है तो क्या करें?
डॉ. मनीष इसपर कहते हैं कि यदि ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाता है, तो मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए। ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते समय रोगी की उम्र और अन्य पुरानी बीमारियों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
आइवरमेक्टिन और एजिथ्रोमाइसिन कब खाएं?
डॉ. मनीष इसपर कहते हैं कि आइवरमेक्टिन दवाई का उपयोग रोगी की इम्यूनिटी पावर और स्थिति पर निर्भर करता है। पेरासिटामोल के उपयोग के लिए भी उन्होंने यही कहा। इसलिए होम आइसोलेशन में केवल डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवा ही लेनी चाहिए।
वहीं, एजिथ्रोमाइसिन पर उन्होंने कहा कि कई रोगी एजीथ्रोमाइसिन के उपयोग पर जोर देते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा माइल्ड सिम्पटम्स वाले रोगियों के लिए जो नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं उनमें इस गोली के बारे में नहीं बताया गया है। रेविडोक्स के बारे में भी यही कहा गया। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रेविडोक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
https://www.mohfw.gov.in/pdf/RevisedguidelinesforHomeIsolationofmildasymptomaticCOVID19cases.pdf