जिसे मृत समझकर करने जा रहे थे अंतिम संस्कार, वह निकली जिंदा
पांडवेश्वर की घटना, चिता पर लिटाते समय पता चला कि वृद्धा जीवित है
बंगाल मिरर, पांडवेश्वर : यह एक परी कथा की तरह है। वृद्धा पुष्पा देवी को मरा हुआ समझ कर अर्थी तैयार कर उसे जलाने के लिए श्मशान ले जा जा रहा था वहां चिता भी तैयार थी. बस उसे चिता पर रखकर जलाना ही बाकी था, लेकिन जिसे मरा हुआ समझकर लोग जलाने जा रहे थे, वही जी उठी, यह सब सुनने में भली हा काल्पनिक लग रहा हो, लेकिन यह हकीकत में हुआ है।
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यह देख वहां मौजूद हर कोई हैरान
होसकता है आपको विश्वास न हो। पुष्पा देवी की मौत को लेकर अंतिम संस्कार की सारी तैयारी हो गई थी. परिजन रो बिलख रहे थे , फिर पुष्पा देवी को अंतिम संस्कार को श्मशान घाट ले जाया गया। पुष्पा देवी का शरीर निर्जीव पड़ा रहा, अब उन्हें चिता पर ले जाने ही वाले थे कि अचानक उनके मुंह से आवाज निकली, यह देख वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। यह घटना पांडवेश्वर के एक श्मशान घाट में यह आश्चर्यजनक घटना हुई,
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उस महिला का नाम पुष्पा आचार्य, उम्र 80 वर्ष और पांडवेश्वर निवासी है. एक माह पूर्व पुष्पा देवी की कमर गिरने से टूट गई दी थी।बिस्तर पर पड़ी पुष्पा देवी अब पहले की तरह बात नहीं कर सकती थी, परिवार वालों ने सेवा में कोई गलती नहीं की। लेकिन इन सबके बाद गुरुवार की दोपहर से पुष्पा देवी की हालत अचानक बिगड़ने लगी.गुरुवार दोपहर कई बार हिचकी आने के बाद 80 वर्षीय पुष्पा देवी का पूरा शरीर सुन्न हो गया.
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कोरोना में कई डॉक्टरों को बुलाने के बाद भी नहीं आए.पुष्पा देवी से पूछा तो भी कोई जवाब नहीं आया और घरवालों को लगा कि पुष्पा आचार्य नहीं है. रोना शुरू हो गया. बाकी सदस्य मृतक के अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा होने लगे और साढ़े आठ बजे वृद्धा को पांडवेश्वर के एक श्मशान में ले जाया गया. जैसे ही लोग उसे चिता पर लिटाने लगे वृद्धा के मुंह से आवाज निकली, पहले तो लोग डर गये, फिर हैरान हो गये। उसके बाद 80 वर्षीय महिला को दुर्गापुर अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया और वहां भर्ती कराया गया.जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई