दूसरी स्वदेशी वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय का करार, 30 करोड़ डोज की अग्रिम बुकिंग
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : कोवैक्सीन के बाद देश में जल्द ही एक और स्वदेशी वैक्सीन आने वाली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद की वैक्सीन (Vaccine) बनाने वाली कंपनी मैसर्स बायोलॉजिकल-ई (Biological-E) लिमिटेड के साथ कोविड-19 की वैक्सीन के लिए करार किया है।
.@MoHFW_INDIA has finalised arrangements with Hyderabad-based vaccine manufacturer Biological-E to reserve 30 Crore of COVID-19 vaccine doses. M/s Biological-E will manufacture and stockpile these vaccination doses from August to December 2021. pic.twitter.com/Vla6zqs9vy
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 3, 2021
बायोलॉजिकल ई से 30 करोड़ डोज खरीदेगी सरकार
दरअसल, हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई से केन्द्र सरकार टीके की 30 करोड़ डोज की खरीद करेगी, जिसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट भी किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन टीकों को अगस्त-दिसंबर 2021 से मेसर्स बायोलॉजिकल-ई द्वारा उत्पादन और स्टोर किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय,कंपनी को 1500 करोड़ रुपये की एडवांस पेमेंट करेगा।
वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल जारी
बायोलॉजिकल-ई की कोविड-19 वैक्सीन इस समय तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रही है। पहले और दूसरे क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर नतीजे मिले थे। वैक्सीन को बायोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है, जो आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। संभावना है कि अगले कुछ महीनों में यह उपलब्ध हो जायेगी।स्वदेशी वैक्सीन निर्माताओं की सरकार करती है मददमैसर्स बायोलॉजिकल-ई के साथ की गई यह डील भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसमें सरकार स्वदेशी वैक्सीन निर्माताओं को अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में मदद करती है और वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने न केवल 100 करोड़ रुपये के अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता दी है, बल्कि विभाग बायोलॉजिकल-ई के साथ साझेदारी भी कर रहा है। इसके लिए फरीदाबाद में मौजूद अपने रिसर्च इंस्टीट्यूट ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के जरिए रिसर्चर और चुनौतियों में भी बायोलॉजिकल-ई के साथ भागीदारी की है।
मंत्रालय के अनुसार, सहायता भारत सरकार के “मिशन कोविड सुरक्षा- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन” का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित, प्रभावशाली और सुलभ कोरोना वैक्सीन लाना है। इससे न केवल कोविड-19 वैक्सीन विकास के प्रयासों में तेजी आई है, बल्कि देश में वैक्सीन विकास के ईको-सिस्टम को भी मदद मिली है। इस प्रयास से अन्य वैक्सीनों के विकास के लिये मौजूदा और भावी अनुसंधान व विकास को भी सहायता मिलेगी।भारत में उपलब्ध वैक्सीनबता दें कि भारत में फिलहाल दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन दी जा रही है। इनमें से कोवैक्सीन स्वदेशी है, जबकि कोविशिल्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजनेका कंपनी द्वारा बनाई गई है। इसके अलावा रूस की स्पूतनीक वी वैक्सीन भी अगले हफ्ते से देश में लगनी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही (Biological-E) सरकार कई अन्य विदेशी वैक्सीन निर्माताओं से भी संपर्क में है।