IPAC और तृणमूल में 2026 तक के लिए हो सकता है समझौता !
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : प्रशांत किशोर के नेतृत्ववाली IPAC 2026 के विधानसभा चुनाव तक पश्चिम बंगाल में टीएमसी के लिए काम कर सकती है। कुछ ऐसी ही जानकारी पार्टी सूत्रों से मिल रही है। 2021 के चुनावों में तृणमूल की जीत के पीछे की महत्वपूर्ण भूमिका थी । पार्टी नेतृत्व चाहता है कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी ‘पीके मैजिक’ जारी रहे।
इसलिए तृणमूल ने 2024 के लोकसभा चुनाव और 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पीके की टीम को ही फिर से चुनावी रणनीतिकार के रूप में नियुक्त करने पर विचार करना शुरू कर दिया है. अगले दो चुनावों में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए तृणमूल कांग्रेस आइपैक फिर से पार्टी के लिए रणनीति बनाने के लिए नियुक्त करने की राह पर है.
हालांकि प्रशांत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल की जीत के बाद वह यह काम छोड़ देंगे। ऐसी चर्चायें हैं कि IPAC शरद पवार की NCP के साथ जुड़ेने जा रही है। हालांकि एनसीपी सूत्रों ने ऐसी किसी संभावना से इंकार किया है।
read also एक जुलाई तक पाबंदियों का निर्देश सरकार ने किया जारी, जानें कहां क्या मिली है राहत
फिलहाल, 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को वैतरणी पार कराने की जिम्मेदारी पीके की है। उन्हें मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। पीके ने बंगाल चुनाव के दौरान अमरेंद्र से मुलाकात की थी। इसके बाद अमरेंद्र ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैंने प्रशांत किशोर को मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है। हम पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।’
read also Breaking : बंगाल में 1 जुलाई तक बढ़ाया गया आंशिक Lockdown , जानें क्या खुला क्या बंद
प्रशांत की संस्था ‘IPAC 2016 में अमरेंद्र के चुनाव प्रचार की भी प्रभारी थी। लेकिन उस समय अमरेंद्र को उनके नियम पसंद नहीं आए। इससे पहले प्रशांत के साथ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और प्रियंका गांधी से खटपट हो गई। इसको ध्यान में रखते हुए अमरेन्द्र प्रशांत के कार्यक्रमों में कटौती करते थे। लेकिन इस बार बीजेपी के खिलाफ अमरेंद्र ने पीके का ही सहारा लिया है. इस बीच बंगाल विधानसभा चुनाव की सफलता के बाद तृणमूल भी अगले विधानसभा चुनाव तक IPAC के साथ जुड़े रहना चाहती है.