Fake IPS Officer चालक एवं बॉडीगार्ड समेत गिरफ्तार, नीली बत्ती गाड़ी में घूमता था
बंगाल मिरर, एस सिंह(क्राइम रिपोर्टर) : कोलकाता शहर में फर्जी आईएएस के बाद अब फर्जी आईपीएस ( Fake IPS Officer) को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार फर्जी आईपीएस अधिकारी का नाम राजर्षि भट्टाचार्य है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी आईपीएस नीली बत्ती वाली कार लेकर घूमता था। राजर्षि की कार के चालक और सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि राजर्षि भट्टाचार्य उर्फ बबाई खुद की पहचान एक आईपीएस अधिकारी के तौर पर करता था। वह नीली बत्ती वाली कार से घूमता था। वह अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों में कहा करता था कि वह एक विशेष मिशन पर है। राजर्षि के सुरक्षा गार्ड को देखकर ऐसा लगता है कि वह पुलिस का सुरक्षा गार्ड है। गुप्त सूत्रों से खबर मिलने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू कर दिया। राजर्षि को उनके अंगरक्षक और ड्राइवर के साथ गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट सीपी क्राइम मुरलीधर शर्मा ने फर्जी आईपीएस की गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट किया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसे कहां से गिरफ्तार किया गया था।
इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं उन पर धोखाधड़ी का आरोप तो नहीं है। दूसरे शब्दों में लालबाजार के जासूस इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या राजर्षि Fake IPS Officer ने फर्जी पहचान से नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ली है, यह फर्जी पहचान देने की वजह क्या है, आखिर उसका मकसद क्या था.
यह सब देवांजन के हाथ से शुरू हुआ! देबांजन ने आईएएस पहचान के साथ धोखे का जाल बुन लिया। उसकी प्रसिद्धि से जांचकर्ता दंग रह गए। उनके साथ प्रभावशाली लोगों के संपर्क में भी आया। देबांजन के कारनामे जब से सामने आई है, इसके बाद एक के बाद एक फर्जी सरकारी अधिकारी पुलिस ने पकड़े हैं। सीबीआई, ईडी, आईपीएस, सीबीआई धोखाधड़ी की प्रतिष्ठा के साथ सामने आए हैं। उस सूची में नया नाम जोड़ राजर्षि दत्त का है। देबांजन की घटना सामने आने के बाद से परिवहन विभाग ने नीली बत्ती वाले वाहनों के उपयोग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद जांच शुरू की और गिरफ्तारियां हो रही । फिर भी ‘धोखेबाज’ शहर में घूम रहे हैं