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घंटों बैठकर काम करने से हो सकती है सर्वाइकल की समस्या, जानें लक्षण व बचाव

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या काफी लोगों को प्रभावित करती है। क्यों होती है ये समस्या और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या से कैसे बचा जा सकता है, जानने के लिए के एम्स में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. भावुक गर्ग से खास चर्चा की।

डॉ. भावुक ने बताया कि जिस तरह से समय के साथ बाल सफेद हो जाते है, उसी तरह सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस में गर्दन की हड्डियां और जो उसके अंदर की डिस्क है, उम्र के साथ-साथ सफेद होती हैं और बूढ़ी होती हैं। हालांकि कुछ लोगों में यह उनके दैनिक कार्य पर भी निर्भर करता है। जैसे अगर कोई देर तक कंप्यूटर पर काम करता है, टाइपिस्ट या फिर कंस्ट्रक्शन में काम कर रहे वर्कर, या जो भी गर्दन पर भारी वजन उठाते हैं।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण

इसके सामान्य लक्षण में गर्दन का दर्द है, जो कि मध्य भाग में होता है। इसके अलावा कंधों में दर्द, कई बार हाथ तक पहुंच जाता है या हाथ में करंट की तरह कई बार महसूस होता। अकड़न और सिर दर्द की समस्या भी सकती है। अगर गंभीर केस की बात करें तो पैरों हाथों में भी कमजोरी, चलने में लड़खड़ाहट हो सकती है। एक्सट्रीम केस में यूरिन कंट्रोल भी जा सकता है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के बचाव

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार और बचाव दोनों संभव है। लेकिन इलाज से पहले ही बचाव शुरू करना ज्यादा जरूरी है। इसके लिए रोजाना गर्दन की एक्सरसाइज करें, काम करने का तरीका यानि पॉश्चर मेंटेन रखना है, वजन नहीं बढ़ने देना चाहिए, स्मोकिंग न करें, काम करते वक्त कंप्यूटर की स्क्रीन आंख के लेवल तक आए। आरामदायक कुर्सी पर पर बैठें। हाथ कुर्सी पर रेस्ट करें। इन बातों का ध्यान रखेंगे तो काफी हद तक सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से बच सकते हैं।

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