SUBRATA MUKHERJEE का निधन, शोक की लहर, बंगाल की राजनीति का नक्षत्र हुआ अस्त
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: राज्य के वरिष्ठ मंत्री कोलकाता के पूर्व मेयर सुब्रतो मुखर्जी का निधन कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में गुरुवार की देर शाम हो गया उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है वह तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में फिर से तथा राज्य के चार महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे।
![](https://i0.wp.com/bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20230207-WA0151-e1698295248979.webp?resize=768%2C512&ssl=1)
![](https://i0.wp.com/bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2021/11/20211104_220029-1.jpg?resize=500%2C500&ssl=1)
1972 में, 26 वर्ष की आयु में, वे राज्य मंत्री बने। 2000 से 2005 तक कोलकाता के मेयर। वह 2011 से राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य हैं।कोलकाता के पूर्व महापौर सुब्रत मुखर्जी पंचायत और ग्रामीण विकास सहित राज्य के चार विभागों में मंत्री हैं। वह 65 वर्ष के थे। रविवार 24 अक्टूबर को डॉक्टरों ने सुब्रत को मेडिकल चेकअप के लिए एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी. सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें वुडबर्न वार्ड में ICCU ले जाया गया।
सुब्रत मुखर्जी ने साठ के दशक में एक छात्र नेता के रूप में बंगाल कांग्रेस की राजनीति में शुरुआत की थी। वे छात्र परिषद के अध्यक्ष भी थे। 1982 में, 26 वर्ष की आयु में, वे सिद्धार्थ शंकर रॉय के मंत्रिमंडल के सदस्य बने। आपातकाल की विवादास्पद स्थिति के दौरान सुब्रत राज्य के सूचना और संस्कृति विभाग के प्रभारी थे। उन्होंने 2000 में कांग्रेस छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गए। 2001 से 2005 तक वे कलकत्ता के मेयर रहे। आज शाम उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर पाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वरिष्ठ सदस्यों के साथ ही अस्पताल पहुंची थी इसके कुछ देर बाद ही उनके निधन का आधिकारिक ऐलान किया गया।
मेयर के रूप में कार्यकाल के अंत तक, ममता के साथ दूरियां बढ़ती गईं। उन्होंने अपना खुद का मंच बनाया और कांग्रेस के साथ गठबंधन में उपचुनाव लड़ा। नगरनिगम चुनाव ‘घड़ी’ के चिन्ह पर चुनाव लड़ा। भले ही वह जीत जाएं। लेकिन उनकी पार्टी हार गई। परिणामस्वरूप, सुब्रत कलकत्ता के मेयर के पद पर वापस नहीं लौटे। बाद में सुब्रत आधिकारिक रूप से कांग्रेस में लौट आए। उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाया गया था। लेकिन 2010 में वह तृणमूल में लौट आए। तब से वह तृणमूल में थे। 2011 में ममता बनर्जी के राज्य में सत्ता में आने के बाद से सुब्रत को तीन कार्यकालों में महत्वपूर्ण विभाग दिए गए ।
सिलपंचल में भी उनके काफी शुभचिंतक हैं उनके निधन से उनमें भी शोक की लहर है राज्य के कानून मंत्री मलय घटक आसनसोल नगर निगम के चेयर पर्सन अमरनाथ चटर्जी प्रदेश प्रमुख सचिव शिव दासन दासु आईएमटीटीयूसी जिला अध्यक्ष अभिजीत घटक समेत अन्य नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है