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सावधान! ‘Booster Dose’ के नाम पर ठगी, OTP के लिए आ सकता है फोन

बंगाल मिरर, एस सिंह: सावधान! ‘बूस्टर डोज’ ( Booster Dose) के नाम पर ठगी, OTP के लिए आ सकता है फोन कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के बीच सरकार ने फ्रंट लाइन वर्कर के लिए ‘बूस्टर डोज’ का एलान किया है। ’10 जनवरी’ से देश में फ्रंट लाइन वर्कर को बूस्टर डोज देने की शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन इसी बीच साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। आप सोच रहे होंगे कि साइबर ठगों का बूस्टर डोज से क्या लेना-देना ?

 ( Booster Dose)
sample Photo by Anna Tarazevich on Pexels.com

दरअसल, बूस्टर डोज लगवाने के नाम पर साइबर ठग आपको चूना लगा सकते हैं। जी हां, साइबर ठगों ने बूस्टर डोज को नया हथियार बना लिया है। ट्विटर से लेकर फेसबुक और व्हाट्सएप तक पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि साइबर ठग बूस्टर डोज के नाम पर लोगों को चूना लगा सकते हैं।

वायरल मैसेज में क्या लिखा है

मैसेज में लिखा है कि आमजन को फोन करके बूस्टर डोज के बारे में जानकारी मांगी जा रही है, जानकारी में बूस्टर डोज लगवाने की भी बात कही जाती है, अगर आप बूस्टर लगवाना चाहते है तो आपकी मदद कर सकते हैं। आपका टाइम बुक करवाना है तो आप अपनी डिटेल्स बता दें, जैसे ही आप अपनी डिटेल्स देते हैं आपको एक OTP प्राप्त होता है। अगर आप यह ओटीपी नंबर शेयर करते हैं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। जी हां, इस ओटीपी के आधार पर ठग बैंक अकाउंट में ऑनलाइन सेंधमारी करके आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं।

CoWin’ पोर्टल द्वारा किसी से नहीं मांगी जाती डिटेल्स

जबकि हकीकत तो यह है कि ‘CoWin’ पोर्टल द्वारा किसी भी पात्र से डिटेल्स नहीं मांगी जाती है। यदि कोई फेक कॉल करके डिटेल्स मांगता है या आपसे बूस्टर के नाम पर OTP मंगाता है तो आप सतर्क रहें और अपने फोन पर आए OTP नंबर को किसी से भी शेयर न करें। इससे आप ठगों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।

अच्छी बात यह है कि अभी तक किसी यूजर ने इस तरह के फ्रॉड के बारे में कोई शिकायत नहीं की है। इसके बाद भी लोगों की जागरूकता के लिए यह मैसेज काफी वायरल हो रहा है। कई लोगों ने इस मैसेज को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया है।

क्या है बूस्टर डोज ( Booster Dose) ?

देश में फ्रंटलाइन वर्कर्स और पात्र बुजुर्ग आबादी को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है। लेकिन यह डोज है क्या और किस लिए दी जा रही है पहले यह जानना जरूरी है, तभी कॉन्सेप्ट क्लियर होगा। असल केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि यह डोज उन्हें दी जाएगी जो फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से ऊपर की उम्र के हैं और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। फ्रंटलाइन वर्कर यानि अग्रिम पंक्ति के लोग जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, नर्स, सुरक्षाकर्मी, पुलिसकर्मी इत्यादि। यह बूस्टर डोज इन्हें एहतियाती तौर पर दी जा रही है। तभी सरकार की ओर से इसे ‘बूस्टर डोज’ नहीं बल्कि एहतियाती यानि प्रिकॉशनरी डोज कहा गया है।

बता दें, बूस्टर डोज के नाम पर कोरोना वैक्सीन डोज उसी वैक्सीन की लगाई जाएगी, जिसकी लोगों ने पिछली दो डोज लगवाई हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी शख्स को कोविशील्ड के दो डोज लगे हैं, तो उसे कोविशील्ड वैक्सीन की तीसरी डोज लगेगी। वहीं अगर किसी ने कोवैक्सीन लगवाई है तो इसी वैक्सीन का तीसरा शॉट उसे दिया जाएगा। एक बात और कि यह तीसरी वैक्सीन उन्हें दी जा रही है जिन्हें आखरी वैक्सीन लिए करीब 9 महीने का अंतराल हो चुका है।

बूस्टर डोज ( Booster Dose) के लिए वॉक इन अपॉइंटमेंट

योग्य आबादी, जिन्हें कोविड-19 वैक्सीन की दो डोज लग चुकी हैं वो किसी भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर ( Booster Dose) अपॉइंटमेंट ले सकते हैं और बूस्टर डोज लगवा सकते हैं। इसलिए कोई भी अंजान कॉल करके आपसे बूस्टर डोज के नाम पर ओटीपी मांगे तो ओटीपी बिल्कुल भी शेयर न करें।

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