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MSME फंडामेंटल रिफॉर्म से बनेगा मजबूत

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  फंडामेंटल रिफॉर्म से बनेगा MSME मजबूत कोविड महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था एक बार फिर गति पकड़ रही है। यह हमारे आर्थिक निर्णयों और अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव को दर्शाता है। इस बजट में केंद्र सरकार ने तेज ग्रोथ के मोमेंटम को जारी रखने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिनसे देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) को अत्यधिक मजबूती मिली है। आइए जानते हैं कैसे…

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Sample Photo by Tima Miroshnichenko on Pexels.com

कोविड महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पकड़ रही रफ्तार

कोविड-19 महामारी के पश्चात पीएम मोदी ने तत्परता से राष्ट्र निर्माण में MSMEs की भूमिका को मान्यता दी। इस तरह एमएसएमई ”आत्मनिर्भर भारत” अभियान के अंतर्गत घोषणाओं का एक बहुत महत्वपूर्ण भाग है। इस पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र को न केवल महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में प्राथमिकता भी प्रदान की गई। एमएसएमई क्षेत्र को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए इस पैकेज के अंतर्गत विभिन्न घोषणाएं की गई…

– संकटग्रस्त एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का अधीनस्थ ऋण – केंद्र सरकार MSME के लिए ऋण गारंटी न्यास को 4 हजार करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करेगी। यह संकटग्रस्त एसएसएमई को इक्विटी सहायता प्रदान करने के लिए अधीनस्थ ऋण के रूप में 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करेगा। – 12 बैंकों का 178 ऋणियों को 17.66 करोड़ रुपए की राशि की गारंटी प्रदान की गई है। निधियों के कोष के माध्यम से एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का इक्विटी इंफ्यूजन किया गया है। – 13 मई 2020 को एमएसएमई स्कीम के लिए निधियों के कोष की घोषणा की गई, इससे एमएसएमई के लिए इक्विटी के रूप में 50 हजार करोड़ रुपए का इंफ्यूजन होगा।

यह एमएसएमई की सहायता क्षमता बढ़ाने के लिए एक फ्रेमवर्क स्थापित करेगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत निधि स्कीम के दिशानिर्देशों का अनुमोदन कर इन्हें जारी किया है। – एसबीआई कैप वेंचर लिमिटेड और खेतान एंड कंपनी को एसआरआई निधि के लिए निधि प्रबंधक व परिसंपत्ति प्रबंध कंपनी और वैधानिक सलाहकार के रूप में चयनित किया गया है। मंत्रालय निधियों के कोष के प्रचालन हेतु और कदम उठा रहा है। फॉरेन

कैपिटल फ्लो को किया प्रोत्साहित

भारतीय अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने में बहुत बड़ा योगदान देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानि एसएसएमई का है। इसके जरिए ही फॉरेन कैपिटल फ्लो को प्रोत्साहित किया जा सका है। वहीं वित्त में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के लिए देश की प्रतिबद्धता अब अगले स्तर पर पहुंच रही है। 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां हों या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी), हमारी दृष्टि को दर्शाते हैं। एमएसएमई क्षेत्र में भी डिजिटल लेनदेन को खासा बढ़ावा दिया गया है। ज्ञात हो, अर्थव्यवस्था के लिए वित्तपोषण पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि ”वित्तपोषण क्षेत्र को नए भविष्य के विचारों, पहलों के अभिनव वित्तपोषण और स्थायी जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक देश फिनटेक, एग्रीटेक, मेडिटेक और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में आगे नहीं बढ़ता, तब तक उद्योग 4.0 संभव नहीं है। इसी के साथ पीएम मोदी ने उन क्षेत्रों को खोजने के दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बात की जहां भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल हो सकता है।” ऐसे में देश के एमएसएमई क्षेत्र से उम्मीद की जा सकती है कि वह भारत को दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल करवा सकता है। यानि देश के एमएसएमई में वो हिम्मत और ताकत है जो कि उद्योग 4.0 को आगे ले जा सकता है।

6000+उत्पादों का उत्पादन करते हैं देश के MSME

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) उद्यमिता और नवप्रवर्तन के लिए पौधशाला है। भारतीय एमएसएमई देश भर में व्यापक रूप से फैले हुए हैं और विविध रेन्ज के लगभग 6000+उत्पादों का उत्पादन करते हैं और सेवाओं से स्थानीय बाजारों वैश्विक बाजार और घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को एकीकृत करके आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। कृषि के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र होने के नाते, एमएसएमई क्षेत्र देश के आर्थिक विकास के एक शक्तिशाली इंजन के रूप में उभरा है जो भारत से समग्र निर्यात का लगभग 45 प्रतिशत योगदान करता है। MSME न केवल अधिक नवप्रवर्तन कारी प्रस्ताव किए हैं बल्कि अपने साझेदारों के लिए भी अधिक मूल्य प्रदान करते हैं ताकि अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और आपसी रूप से लाभकारी परिणाम संभव हो सके। अपनी दक्षता और गतिशीलता से, इस क्षेत्र ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्षेत्र में दृढ़ प्रतिस्पर्धा हेतु प्रशंसनीय नवप्रवर्तनशीलता और अनुकूलन क्षमता दर्शाई है।

यह प्रमाणित सत्य है कि औद्योगिक क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र में भारत के पास पर्याप्त अनुभव और विशेषज्ञता है। इसलिए केंद्र सरकार ने भारत में एमएसएमई के विकास पर अत्यधिक बल दिया है और अपने सभी आर्थिक परिवेश के लिए उपयुक्त विकास का पैटर्न तैयार किया है।

भारत में MSME का आकार

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारत में औद्योगिक कार्यकलापों का हृदय है। इसमें 63 मिलियन से अधिक एमएसएमई हैं जो औद्योगिक उत्पादन का 45 प्रतिशत सेवा क्षेत्र का 30.5 प्रतिशत है तथा 110 मिलियन के करीब कर्मचारी हैं। घरेलू नीतिगत फोकस एक गतिशील वैश्विक बाजार एमएसएमई को वैश्विक बनाने के लिए अवसर प्रदान कर सकती है।

देश में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए एक उत्प्रेरक

एमएसएमई क्षेत्र ने देश में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया है। वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन यूएसडी होने की संभावना है और एमएसएमई खंड में अर्थव्यवस्था के लिए एक रीड की हड्डी के रूप में उभरने की क्षमता है और यह विकास के लिए एक इंजन के रूप में कार्य करता है और यह सही सहायता देकर ढांचे को सक्षम बनाता है।

एमएसएमई संबंधित उत्पादों के निर्यात का हिस्सा

भारतीय संदर्भ में डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई संबंधित उत्पादों का मूल्य 147,390.08 मिलियन डॉलर है और वर्ष 2017-18 के दौरान देश में एमएसएमई संबंधित उत्पादों के निर्यात का हिस्सा 48.56 प्रतिशत था। वास्तविक रूप से एमएसएमई क्षेत्र पिछले पांच दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के एक अत्यधिक जीवंत एवं गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है। यह क्षेत्र कृषि के पश्चात तुलनात्मक रूप से कम पूंजीगत लागत पर उद्यमिता को प्रोत्साहित करके तथा बड़े रोजगार के अवसर सृजित करके देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई की परिभाषा में किया गया संशोधन

2006 में एमएसएमई विकास अधिनियम अस्तित्व में आने के 14 साल के बाद, 13 मई, 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन किए जाने की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के तहत सूक्ष्म विनिर्माण और सेवा इकाइयों की परिभाषा 1 करोड़ रुपये के निवेश और 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक बढ़ा दी गई थी। लघु इकाई के लिए सीमा 10 करोड़ रुपये के निवेश और टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई थी। केंद्र सरकार ने 1 जून, 2020 को एमएसएमई की परिभाषा में ऊपर की ओर संशोधन किए जाने का फैसला किया। मध्यम उपक्रमों के लिए अब यह सीमा 50 करोड़ रुपये का निवेश और 250 करोड़ रुपये का टर्नओवर होगी। बता दें पीएम मोदी ने मध्यम इकाइयों के लिए सीमा में और बढ़ोतरी करने का फैसला किया था। हालात के साथ तालमेल बिठाने और वर्गीकरण की उद्देश्य पूर्ण प्रणाली स्थापित करने के साथ ही कारोबार के लिहाज से सुगम माहौल बनाने के क्रम में ऐसा किया गया है।

एमएसएमई अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया…

1) ऐसे सूक्ष्म उद्यम, जिसमें संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में किया गया निवेश एक करोड़ रुपए से अधिक न हो और टर्नओवर पांच करोड़ रुपए से अधिक न हो। 2) ऐसा लघु उद्यम, जिसमें संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में किया गया निवेश 10 करोड़ रुपए से अधिक का न हो और टर्नओवर 50 करोड़ से अधिक न हो। 3) ऐसा मध्यम उद्यम, जिसमें संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में किया गया निवेश 50 करोड़ रुपए से अधिक न हो और टर्नओवर 250 करोड़ रुपए से अधिक न हो। यह नया वर्गीकरण 1 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गया है।

’माई एमएसएमई’ विकास आयुक्त (एमएसएमई) कार्यालय ने विभिन्न स्कीमों का लाभ लेने के लिए उद्यमों की सुविधा ”माई एमएसएमई” नामक एक वेब आधारित एप्लीकेशन माड्यूल शुरू किया है। इस पर मोबाइल एप के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। उद्यमी अपने मोबाइल पर स्वयं अपनी एप्लीकेशन को देख पाएंगे।

डिजिटल भुगतान केंद्र सरकार कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और सुविधाजनक रूप से भारत के सभी नागरिकों को निर्बाध डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है। भारत सरकार द्वारा देश के प्रत्येक वर्ग को डिजिटल भुगतान सेवाओं के औपचारिक फोल्ड के अंतर्गत डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसका विजन भारत के सभी नागरिकों को सहज, आसान, सस्ती, त्वरित और सुरक्षित रूप से निर्बाध डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करना है।

नए उद्यमियों की सहायता के लिए चैंपियंस पोर्टल पीएम मोदी ने 1 जून, 2020 को चैंपियंस पोर्टल का शुभारंभ किया था। यह सहायता और पथ प्रदर्शन करने के माध्यम से लघु इकाइयों के आकार में वृद्धि करने हेतु आईसीटी आधारित प्रोद्योगिकीय प्रणाली है। यह पोर्टल मौजूदा परिस्थितियों में न सिर्फ एमएसएमई को सहायता प्रदान कर रहा है बल्कि इनको नए व्यवसाय अवसरों का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान कर रहा है।

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