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Ban on Plastic and Thermocol : जारी हुई अधिसूचना, 1 जुलाई से लागू

बंगाल मिरर, एस सिंह : Ban on Plastic and Thermocol : जारी हुई अधिसूचना, 1 जुलाई से लागू. एक जुलाई से देश भर में सिंग्ल  यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगने जा रही है। इसके साथ ही प्लास्टिक और थर्मोकोल से निर्मित विभिन्न सामग्रियों के इस्तेमाल पर जुर्माना लगेगा। इनका निर्माण, स्टाक, बेचना भी बंद होगा। इसे लेकर राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसरण में, जैसा कि बाद में जीएसआर संख्या 571 (ई) दिनांक 12.08.2021 द्वारा संशोधित किया गया था, राज्य सरकार एतद्द्वारा निर्देश देती है कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार, राज्य सरकार एतद्द्वारा निर्देश देती है कि इसका निर्माण, आयात, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित निम्नलिखित एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं पर 1 जुलाई, 2022 से वस्तुओं को प्रतिबंधित किया जाएगा।

(ए) प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान की कलियां( ईयर बड्स) , गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी या चाकलेट की छड़ी, आइसक्रीम की छड़ी, पॉलीस्टाइनिन [सजावट के लिए थर्मोकोल); (बी) प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, रैपिंग या पैकेजिंग फिल्म, मिठाई के बक्से, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट के आसपास 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिकर पर रोक लगेगी।

 निम्नलिखित अधिकारी इस अधिसूचना को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में लागू करने के लिए अधिकृत हैं:

(क) अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव/सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार: (ख) अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव/सचिव। पर्यावरण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार; (सी) प्रमुख सचिव सचिव, शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार: (डी) सदस्य सचिव और पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी: (ई) निदेशक, राज्य शहरी विकास एजेंसी (एसयूडीए), सरकार। पश्चिम बंगाल का; (च) जिला मजिस्ट्रेट; (छ) नगर आयुक्त / नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी; (ज) आयुक्त/पुलिस अधीक्षक: (i) अनुमंडल अधिकारी/प्रखंड विकास अधिकारी: () महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र; ( ट ) पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारी . शहरी विकास और नगरपालिका मामलों के विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग, दोनों पश्चिम बंगाल सरकार के तहत और अधिकारियों और निकायों के तहत विभाग और पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस अधिसूचना की निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे।

 पृष्ठ 2 निर्देशों का उल्लंघन, जैसा कि इस अधिसूचना में कहा गया है, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत किया गया अपराध होगा। 1986 और नियम, आदेश। इसके तहत बनाई गई अधिसूचनाएं और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत निर्दिष्ट दंडात्मक प्रावधानों को आकर्षित करती हैं, निर्देशों के उल्लंघन के मामले में, जैसा कि इस अधिसूचना में निर्दिष्ट है, उप-नियमों / नियमों के अनुसार जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आदेश, जैसा भी मामला हो, संबंधित स्थानीय द्वारा। अधिकारियों। यह अधिसूचना जुलाई, 2022 के पहले दिन से लागू होगी।

देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, अब दिखेगा नए भारत का चेहरा

भारत अपना ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। हमारी आजादी की लड़ाई के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी उल्लेख किया करते थे कि ‘Cleanliness is next to godliness’। इस तरह गांधी जी के अनुसार स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छता को अपने जीवन में ढाला और समाज को इसके जरिए एक बड़ा संदेश देना चाहा। गांधी जी की इसी प्राथमिकता को पीएम मोदी ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के माध्यम से एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया है। उन्होंने इस भाव को महसूस किया कि देश को पूर्णत: स्वच्छ और निर्मल बनाने के प्रयास ही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

1 जुलाई से देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन

इसी क्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्थलीय एवं जलीय इकोसिस्टम पर बिखरे हुए प्लास्टिक के कचरे के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया। इसके तहत सरकार ने यह भी तय किया कि वर्ष 2022 तक कम उपयोगिता और कचरे के रूप में बिखरने की अधिक क्षमता रखने वाली एकल उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित किया जाए और अब सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, भारत सरकार आगामी 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने जा रही है।

सरकार उठाने जा रही ये विशेष कदम

जी हां, 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक से उत्पन्न कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाया गया अब तक का सबसे ठोस कदम माना जा रहा है। प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा सरकार एकल उपयोग वाली प्लास्टिक को समाप्त करने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। जागरूकता अभियान में उद्यमियों और स्टार्टअप, विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों और अकादमिक संस्थानों को एकजुट किया गया है। महज इतना ही नहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के परिवहन को रोकने के लिए सीमा जांच केंद्र भी बनाए जाएंगे।

इन पर होगा प्रतिबंध

प्लास्टिक की छड़ियों से लैस ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ियां, आइसक्रीम की छड़ियां, सजावट के लिए पॉलीस्टीरीन [थर्मोकोल]; प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों के चारों ओर लपेटी जाने या पैकिंग करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिकर। – हल्के वजन वाले प्लास्टिक कैरी बैग की वजह से फैलने वाले कचरे को रोकने के लिए 30 सितंबर, 2021 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन कर दी गई है। मोटाई में इस वृद्धि के कारण प्लास्टिक कैरी का दोबारा उपयोग भी संभव होगा। – प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, जिसे चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के चरण के तहत कवर नहीं किया गया है, को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुरूप निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिक (पीआईबीओ) की विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के जरिए पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ तरीके से एकत्र और प्रबंधित किया जाएगा।

2014 में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत

बताना चाहेंगे कि कई साल से परेशानी का सबब बनी प्लास्टिक का समाधान तलाशने की दिशा में केंद्र सरकार पहले से काम कर रही है वहीं अब सरकार ने इसकी स्पीड और बढ़ा दी है। यदि आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो 2014 में ‘स्वच्छता अभियान’ की शुरुआत से पहले केवल 18% ठोस कचरे का निस्तारण वैज्ञानिक रूप से किया जाता था जो सरकार के प्रयासों के बाद अब लगभग 4 गुना बढ़ कर 70 % के करीब हो गया है। साल 2021 में पीएम मोदी द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का शुभारंभ किया गया जिसका लक्ष्य सभी शहरों को साल 2026 तक ‘कचरा-मुक्त बनाना है’। यह जाहिर है कि ‘कचरा मुक्त शहर’ के लिए जरूरी है कि घर, गलियां और मोहल्ले कचरा-मुक्त रहें। इस अभियान की सफलता की जिम्मेदारी भी सरकार के साथ-साथ हम सभी नागरिकों की भी है। ऐसे में हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी लोग घर पर ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करके रखें। दरअसल इस तरह के उपाय अपनाने पर कचरा प्रबंधन का कार्य सरकार के लिए थोड़ा आसान हो जाता है।

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