ASANSOL

प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा कर समाजसेवी कृष्णा प्रसाद ने क्या की कामना पढ़ें

इस वर्ष और भव्य होगा आस्था का महापर्व : कृष्णा प्रसाद

बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल के विशिष्ट व्यवसायी एवं विशिष्ट समाजसेवी कृष्ण प्रसाद बांग्लादेश के दौरे पर हैं। बांग्लादेश में वह अपने व्यापार का प्रसार कर रहे हैं। सोमवार सावन के पहले सोमवारी एवं नाग पंचमी के पावन अवसर पर कृष्णा प्रसाद ने अपनी पूरी टीम के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित शक्तिपीठ मां ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना की।उन्होंने बताया कि वह इन दिनों बांग्लादेश में व्यवसायिक दौरे पर हैं। लेकिन वह बांग्लादेश आएं और शक्तिपीठों में से एक मां ढाकेश्वरी मंदिर के दर्शन न करें ऐसा नहीं हो सकता। इसलिए सोमवार के दिन वह मां ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे। उन्होंने वहां भक्ति पूर्वक पूजा अर्चना की.

कृष्णा प्रसाद ने कहा कि आसनसोल उनकी जन्मभूमि है, वह आसनसोल शहर भाईचारे का शहर है और वह चाहते हैं कि वह कुछ ऐसा करें जिससे समाज में एक दूसरे के प्रति लगाव और भाईचारा और बढ़े। वहीं उन्होंने कहा कि इस साल छठ पर्व भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस साल छठ पूजा में जो भव्यता दिखाई जाएगी उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। इसके लिए वह अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। कृष्णा प्रसाद ने कहा कि एक लाख लोगों का समागम होगा। किसी को कोई परेशानी न हो उसकी पूरी ध्यान दी जाएगी।

 इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए आसनसोल सहित पूरे देश के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि उनका लक्ष्य है कि वह 1 लाख लोगों को रोजगार दे सके। इसके लिए थोड़ा समय लग सकता है। लेकिन ईश्वर की कृपा से वह अपने इस मनोरथ में जरुर सफल होंगे। उन्होंने कहा कि अपने इसी मनोरथ को सफल करने के लिए वह इन दिनों बांग्लादेश से आए हुए हैं। बांग्लादेश में व्यवसाय को बढ़ाने के कई अवसर हैं जिनका अगर सदुपयोग किया जाए तो वह रोजगार के लाखों अवसर पैदा कर सकते हैं। जिससे समाज का भला होगा। उन्होंने कहा कि वह हमेशा चाहते हैं कि वह सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। कुछ ऐसा करें जिससे समाज का भला हो। 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। वह ईश्वर से प्रार्थना करते है कि उनके शत्रुओं को ईश्वर  सद्बुद्धि देन उन्होंने कहा कि आज तक उन्होंने कोई अनैतिक या अवैध काम नहीं किया है, वह हमेशा से ईमानदारी के साथ व्यापार करने आये हैं। उनके शत्रुओं और उनके परिवार के लिए भी वह ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि वह स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें और ईश्वर ऐसे लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें। 

गौरतलब है कि ढाकेश्वरी मंदिर शक्तिपीठों में से एक पीठ है। 12 वीं शताब्दी में सेन राजवंश के राजा भल्लाल सेन ने इस मंदिर का निर्माण किया था। मां ढाकेश्वरी के नाम से ही शहर का नाम ढाका रखा गया है। इस मंदिर को बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा प्राप्त है।

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