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E-Tender को लेकर ममता सरकार का बड़ा फैसला 

बंगाल मिरर, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव से पहले टेंडर को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब मात्र एक लाख रुपये के कार्यों का भी ई- टेंडर करना होगा।  राज्य में विभिन्न विकास कार्यों में टेंडर से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, तो राज्य प्रशासन द्वारा त्वरित जांच की जाती है। राज्य परिवर्तन से पहले, ई-टेंडर अनिवार्य नहीं था। लेकिन परिवर्तन के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2012 में राज्य में 50 लाख रुपये या उससे अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडर  शुरू करने का आदेश दिया। 

तदनुसार, राज्य के वित्त विभाग ने 50 लाख रुपये या उससे अधिक के कार्यों के लिए ई-निविदाएं भी शुरू कीं। लेकिन अगले साल इसे और घटाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया। अब इसे और घटाकर 1 लाख कर दिया गया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने नोटिस जारी किया है।राज्य वित्त विभाग के प्रधान सचिव मनोज पंत द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अब से सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी एजेंसियों, स्वायत्त निकायों, पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगरनिगम आदि किसी भी कार्य में 1 लाख रुपये या उससे अधिक का ई-टेंडर यदि लागत का अनुमान है तो उसी के लिए बुलाया जाना चाहिए।

 1 लाख रुपये या उससे अधिक के किसी भी टेंडर की सूचना सरकार के ई-टेंडर पोर्टल पर देनी होगी। चूंकि ई-निविदा अनिवार्य है, इसलिए अब से किसी भी निविदा को गुप्त रूप से नहीं बुलाया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी। वित्त विभाग ने पिछले महीने एक अधिसूचना जारी कर टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए खास नीतियां बनाई थीं। लेकिन इस बार आदेश आया। इसके परिणाम स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में टेंडर से संबंधित भ्रष्टाचार में कमी आने का अनुमान है। यह कदम निस्संदेह राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार का एक बड़ा कदम है।

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