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CIL श्रमिकों के अधिकारी बनने का रास्ता बंद किया जा रहा, कोयला मंत्री को लिखा पत्र

बंगाल मिरर, आसनसोल : कोल इंडिया में गैर अधिकारी संवर्ग के कर्मियों के प्रमोशन में बाधा देने का आरोप लगाते हुए। कोयला मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।

राकेश कुमार ने कहा कि कोयला श्रमिक अपनी जान जोखिम में डालकर प्रकृति के विरुद्ध जाकर कोयला उत्पादन कर राष्ट्र के लिए विद्रुत उत्पादन एवं राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान देते हैं । श्रमिकों के हितो एवं उनके कल्याण के लिए संविधान , कोयला मंत्रालय , खान सुरक्षा महानिदेशालय , एवं कोयला वेतन समझौता , द्वारा विभिन्न दिशा निर्देश एवं नियम आदि बनाये गए हैं ताकि कोयला श्रमिकों को उचित न्याय मिल सके । परन्तु बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है एवं श्रमिकों के साथ भेद भाव किया जा रहा है ।

कोल् इंडिया प्रबंधन अपने श्रमिकों के लिए निरंतर ऐसी नीति और नियम बना रहा है जिससे श्रमिकों के career विकास के सभी मार्ग बंद होते जा रहे हैं , जिससे पीड़ित एवं परेशान होकर श्रमिक कोर्ट जा रहे हैं । कोयला मज़दूर कांग्रेस के द्वारा इस सम्बन्ध में कोलकाता हाई कोर्ट में • पेटिशन दायर की गयी थी जिसमे कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा शपथ पत्र देकर यह कहा गया है कि ” • कोल इंडिया के श्रमिक अधिकारी बनने की दक्षता नहीं रखते , वे टेक्नो सेवी नहीं होते , तथा उनका सेवा काल भी कम होता है , अतः अधिकारी संवर्ग में श्रमिकों के लिए निर्धारित कोटा कम किया गया है ” ।

प्रबंधन के इस उत्तर से यह स्पष्ट होता है की श्रमिकों के प्रति कोल इंडिया प्रबंधन हीन द्रष्टिकोण रखता है । महोदय , योग्य श्रमिको के अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति हेतु जो भी मार्ग है उन्हें कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा या तो बंद किया जा रहा है या इस तरह से नए नए नियम आदि बनाकर बाधित किया जा रहा है , जिससे श्रमिकों का अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति पाना असंभव हो गया है । श्रमिकों के लिए अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति का निर्धारित कोटा कम कर दिया गया है , पदोन्नति परीक्षा का आयोजन भी समय से नहीं किया जा रहा है । 1973 में कोल इंडिया के राष्ट्रीयकरण से लेकर आज तक मात्र 3-4 बार ही अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति हेतु परीक्षा का आयोजन किया गया है ।

कोल् इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में जहाँ statutory पद खाली पड़े है जिन्हे भरा नहीं जा रहा है , जिनसे कंपनी को नुक्सान हो रहा है । एक और जहाँ कोल इंडिया में सुरक्षा अधिकारीयों के पदों पर नियुक्ति कई सालो से नहीं हुई है , लगभग 80 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं वही दूसरी और सैकड़ो करोड़ के कोयले की चोरी के मामले सामने आ रहे हैं । कोल इंडिया में NCWA समझौते के तहत मृत श्रमिकों के आश्रितों को एवं भूमि अधिग्रहण के बदले नौकरी प्राप्त करने वाले श्रमिकों की शैक्षिक योग्यता को न देखते हुए सामान्य मज़दूर की श्रेणी में ही नियोजित किया जाता है ।

कुछ मामले तो ऐसे है जिनमे उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति जिनके पास M.TECH , M.B.B.S , M.B.A , B. TECH , आदि डिग्री होने के बाद भी उन्हें सामान्य मज़दूर की श्रेणी में नियोजित किया गया है । इस नीति के विरोध में आनंद विजय पवार के मामले में सुप्रीम कोर्ट से आदेश पारित होने के बाद भी कोल् इंडिया प्रबंधन द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है , अपितु श्रमिकों के निर्धारित कोटा में ही कमी कर दी गयी ।

वर्ष 2016 में कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा आयोजित पदोन्नति परीक्षा को अनियमित्ताओ के कारण कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा निरस्त कर दिया गया था । मैनेजमेंट ट्रेनी की बहाली में अनियमित्ताओ के कारण कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक श्री आर मोहन दास को भी बर्खास्त किया गया था । अधिकारी संवर्ग में श्रमिकों के लिए निर्धारित कोटे की सीटों को समय से नहीं भरा जा रहा है एवं उनके स्थान पर बाहर से नए मैनेजमेंट ट्रेनी लिए जा रहे हैं ।

श्रमिकों के पास कोयला खदान में काम करने का अनुभव होता है । अनेकों श्रमिक तो ऐसे भी है जिनकी सेवाएं उनके रिटायरमेंट के बाद भी प्रबंधन द्वारा आपातकाल में ली जाती हैं । ऐसे श्रमिकों के पास उनका अपना अनुभव है जिससे वो मशीन की आवाज़ सुनकर ही बता देते है की मशीन में क्या खराबी है । खदान के बारे में उनको समुचित जानकारी उपलब्ध होती है एवं कोयला उद्दोग के माहौल में भी वे अच्छी तरह ढले हुए होते है । ऐसे में अपने श्रमिकों के कौशल का समुचित लाभ कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा न लिया जाना समझ से परे है ।

आपकी नीती ” सबका साथ सबका विकास ” देश हित में बहुत उपयोगी साबित हुई है परन्तु कोल् इंडिया के सम्बन्ध में ऐसा दिखाई नहीं देता है । महोदय आपसे निवेदन है कि इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश देने कि कृपा करे ताकि श्रमिकों को पदोन्नति का लाभ समय पर मिल सके एवं राष्ट्र निर्माण में भागीदारी करने वाले कोयला श्रमिकों के साथ न्याय हो सके । आशा है आप इस पर सकारात्मक पहल करेंगे ओर सम्बंधित मंत्रालय एवं कोल इंडिया के उच्च पदस्थ अधिकारीयों को आवश्यक दिशा निर्देश देने कि कृपा करेंगे ।

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