ASANSOL

Har Ghar Tiranga : 500 करोड़ रुपये का व्यापार और बड़े पैमाने पर रोजगार मिला : सुभाष अग्रवाला

कैट ने पीएम मोदी से 15 अगस्त से चालू वर्ष को स्वराज वर्ष घोषित करने का आग्रह किया

बंगाल मिरर, संजीव यादव: देश भर में भारतीय तिरंगा फहराने के लिए पूरा देश कल एक नए और जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान ने लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत की श्री मोदी की पहल को बहुत वृद्धि मिली है क्योंकि हर घर तिरंगा अभियान से देश भर में इस बार 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री से लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है! कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट )ने कहा कि राष्ट्रभक्ति एवं स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना तथा कोआपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं ! तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से इस वर्ष के 15 अगस्त से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर “स्वराज वर्ष” के रूप में घोषित करने की अपील की है।

आसनसोल में फेडरेशन ऑफ साउथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज की ओर से तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया इसमें सुभाष अग्रवाल, आरपी खेतान ,सचिंद्र नाथ राय, विनोद गुप्ता, पवन गुटगुटिया समेत बड़ी संख्या में व्यवसाई शामिल हुए

कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन श्री सुभाष अग्रवाला ने कहा कि पिछले 15 दिनों के दौरान, पूरे देश में कैट के झंडे तले बड़ी संख्यां में व्यापारी संगठनों ने 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने ऊर्जा औरस्वेच्छा से भाग लिया गया। व्यापारियों सहितअन्य विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने आगे बाद चढ़ कर आजादी के उत्साह से हर कार्यक्रम में शामिल होकर तिरंगे की शान को बरक़रार रखा ! सुभाष अग्रवाला ने आगे कहा कि हर घर तिरंगा आंदोलन ने भारतीय उद्यमियों की क्षमता को भी दर्शाया है, जिन्होंने देश के लोगों की तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे का निर्माण किया। कैट के आह्वान पर देश भर में व्यापारी संगठनों ने सभी राज्यों में रैलियों, मार्च, मशाल जुलूस, तिरंगा गौरव यात्रा, सार्वजनिक सभाओं और सम्मेलनों सहित बड़े तिरंगा कार्यक्रम आयोजित कर देशभक्ति का भावना का प्रवाह किया !



श्री सुभाष अग्रवाला ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी देश भर में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है। पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी। ध्वज संहिता में इस संशोधन ने देश में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया। एसएमई विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र ने सबसे अधिक संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया।पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भारतीय तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी।जबकि हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है।



उन्होंने आगे कहा कि देश भर में पिछले 20 दिनों में तिरंगा अभियान के प्रति लोगों के उत्साह और देशभक्ति को देखते हुए सरकार को विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों के साथ पीपीपी मॉडल में भारत की मूल कला एवं व्यापारिक दक्षताओं को जगाने के लिए अभियान चलाना चाहिए जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्र सर्वोपरि हो ! देश के युवाओं को स्वतंत्रता प्राप्त करने में लोगों द्वारा किए गए बलिदानों को बताने और स्वराज वर्ष में एक साल की लंबी श्रृंखला देश की स्वतंत्रता के बारे में भावना और आत्मविश्वास को आत्मसात करना जरूरी है ! सुभाष अग्रवाला ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले 75 वर्षों में पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई देश अपने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे एक साथ खड़ा है।

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