West Bengal

Asansol सीबीआई कोर्ट में नपा चेयरमैन को पेश कर लिया रिमांड पर, सन्मार्ग चिटफंड घोटाले में आरोपी

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल : ( Asansol Live News Today ) सन्मार्ग चिटफंड घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार ने तृणमूल शासित हालीशहर नगरपालिका के अध्यक्ष राजू साहनी को आज आसनसोल सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। जहां दलीलों को सुनने के बाद सीजेएम तरुण कांति मंडल ने आरोपी को पांच दिनों के सीबीआई रिमांड की मंजूरी दी। इस मामले को लेकर कोर्ट में काफी गहमागहमी रही। गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें शुक्रवार को चिटफंड मामले में गिरफ्तार किया। तृणमूल नेता के घर से भारी मात्रा में नकदी भी बरामद हुई भी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, राजू पर ‘सन्मार्ग कोऑपरेटिव चिट फंड कंपनी’ के भ्रष्टाचार के मामले में आरोप लगाया गया था।



सीबीआई ने शुक्रवार को राजू के घर की तलाशी ली थी। जहां से 80 लाख नकद बरामद किये गये। सीबीआई के एक सूत्र ने दावा किया कि करोड़ों रुपये की संपत्ति का पता लगाया गया है। संपत्ति का ‘दलील’ बरामद किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया कि तृणमूल पार्षद के थाइलैंड में उसके बैंक खाते में काफी पैसा था.बाद में एक देशी पिस्तौल भी बरामद हुई।

बचाव पक्ष से बर्दवान से आये अधिवक्ता प्रदीप कर और प्रसेनजीत नायक थे। वहीं सीबीआई की ओर से शिवेन्द्र सचान और राकेश कुमार ने दलील पेश की। सीबीआई के वकील ने तीन दिन पहले ही बर्दवान नपा के पूर्व चेयरमैन प्रणव चटर्जी की पत्नी रेखा चटर्जी के जमानत अर्जी पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद जिला जज सुनिर्मल दत्ता ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। मामले में फरार सनमार्ग चिटफंड के चेयरमैन सौम्यदीप भौमिक ने राजू को 2018 में दो करोड़ 52 लाख की संपत्ति मात्र 75 लाख में बेची थी। 

दबंग सीपीएम नेता और हलीशहर के पार्षद लक्ष्मण साहनी थे। उनके बेटे राजू को इलाके में एक प्रभावशाली तृणमूल नेता के रूप में जाना जाने लगा। राजू की गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि ईडी की पूछताछ के बाद शुक्रवार शाम तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बंद्योपाध्याय ने इस पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, अगर कोई विशिष्ट शिकायत है, तो जांच हो सकती है। हालांकि, उन्हें इस जांच के पीछे बीजेपी का हाथ नजर आ रहा है. उनके शब्दों में, “सुदीप्त सेन (शारदा कर्ता) के पत्र के आधार पर शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?” उन्होंने यह भी कहा, “मैंने पहले इन गद्दारों की पहचान की।”

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