Asansol में जाने कहां हुई एक दिन की दुर्गा पूजा, पढ़े इतिहास
बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर ः आम तौर पर नवरात्रि ( Navratri) में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा नौ दिन की जाती है। लेकिन पश्चिम बंगाल के आसनसोल के बर्नपुर स्थित धेनुआ गांव में एक दिन में ही दुर्गापूजा ( One Day Durgapuja ) संपन्न होती है। यहां षष्ठी से लेकर दशमी तक की पूजा एक घंटे में होती है। बीते 49 वर्षों से इस अनोखे दुर्गापूजा का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष महालया के दिन यानि की श्राद्ध पक्ष के समापन पर यह पूजा आयोजित होती है। इस वर्ष भी यह अनोखी दुर्गापूजा आयोजित हुयी। इस मौके पर विशिष्ट समाजसेवी सचिन राय समेत काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।




असम तथा आसनसोल के बर्नपुर स्थित धेनुआ गांव में होता है आयोजनबर्नपुर के कालाझरिया केे धेनुआ गांव में स्थित काली कृष्ण योगाश्रम है। जहां एक दिवसीय अनोखी दुर्गापूजा का आयोजन गुरुवार को किया गया। इस दुर्गापूजा को महामाया दुर्गापूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह की अनोखी एक दिवसीय दुर्गापूजा एक मात्र असम और दूसरी यहां आयोजित की जाती है। महालया के दिन बुधवार को पूजा में एक घंटा में ही षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी के समस्त मंत्रोच्चारण को पूजा की गयी।
1973 से हो रही अनोखाी दुर्गापूजास्थानीय लोग बताते हैं कि वर्ष 1973 से धेनुआ गांव के काली कृष्ण योगाश्रम में यह पूजा होती है, जिसकी शुरूआत सत्यानंद ब्रह्मचारी ने की थी। हालांकि पहले वर्ष के आयोजन के बाद तीन साल पूजा बंद थी। वर्ष 1977 में असम से आए तेजानंद ब्रह्मचारी द्वारा अनोखी दुर्गापूजा की फिर से शुरुआत की गई। वर्ष 2003 में उनके निधन के बाद आश्रम में गौरी केदारनाथ मंदिर कमेटी के तत्वावधान में पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यहां मां दुर्गा के कुंवारी रूप की पूजा गयी। पूजा में जया और विजया दो सखी की प्रतिमा को रखकर विधिवत रूप से दुर्गापूजा की गयी।
नवरात्र की शुरूआत कल से,
इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरूआत 26 सितम्बर को कलश स्थापना के साथ की जायेगी। 01 अक्टूबर को महाषष्ठी, 02 अक्टूबर को महासप्तमी, 03 अक्टूबर को महाष्टमी, 04 अक्टूबर को महानवमी तथा 05 अक्टूबर को विजया दशमी के साथ दुर्गोत्सव का समापन होगा।