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2024 तक भारत के सभी शहरों में होगी 5G तकनीक

अपनी 5जी तकनीक दूसरे देशों को भी दे सकता है भारत

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: ‘डिजिटल इंडिया’ का स्वरूप बदलने के साथ-साथ अब भारत ने पूरी दुनिया का 5जी के जरिए स्वरूप बदलने की और कदम बढ़ाने का इशारा कर दिया है। यानि अब ‘डिजिटल इंडिया’ से होकर ही ‘डिजिटल वर्ल्ड’ की नई राह गुजरेगी। इस संबंध में भारत ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह 5जी तकनीक दूसरे देशों को भी दे सकता है।

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भारत की बदौलत दुनिया में बदलाव का बड़ा दौर होगा 5G

अब आने वाले दिनों में यह बदलाव का वो दौर साबित होगा जब भारत न केवल अपने देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए नया बदलाव, ज्यादा स्पीड, नया निवेश, नई सेवाओं और नए रोजगार के अवसर बढ़ाने में बड़ी मदद करेगा। इस समय दुनिया में कई बड़े विकसित देशों समेत दुनिया के तमाम देशों की अर्थवस्थाएं सुस्त पड़ी हैं। इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी है, लेकिन भारत इन परिस्थितियों में भी विश्व का एक मात्र ऐसा देश है जिसकी अर्थव्यवस्था तेजी से ग्रो कर रही है। इसलिए पूरी दुनिया पहले ही भारत पर भरोसा जता चुकी है।


फास्ट इंटरनेट की एक नई दुनिया में प्रवेश का समय

5जी तकनीक फास्ट इंटरनेट की एक नई दुनिया है जो हमारी और आपकी जिंदगी को नई रफ्तार देने जा रही है। इसका विजन भारत देख चुका है और अब इसे साकार करने में जुट गया है। दरअसल, चौथी औद्योगिक क्रांति या इंडस्ट्री 4.0 में तेज स्पीड के इंटरनेट के कई फायदे हैं। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हो या फिर मशीन लर्निंग, थ्री डी प्रिंटिंग हो या वर्चुअल रियलिटी 5जी की तकनीक ऐसी हर चुनौती को आसान बनाने जा रही है। भारत में यह सेवाएं 2023 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। फिलहाल यह टेस्टिंग मोड में है।



2024 तक भारत के सभी शहरों में होगी 5जी तकनीक



दुनिया के अन्य देशों को 5G तकनीक देने के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने 5जी को लॉन्च किया है। यह तकनीक पूरी तरह से स्वदेशी है। इसके कुछ हिस्से जरूर दक्षिण कोरिया से आए हैं। इस तकनीक को हम उन तमाम देशों के साथ साथ साझा कर सकते हैं, जो इसे लेना चाहेंगे। सीतारमण ने जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज (एसएआईएस) में गुरुवार को छात्रों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा 5जी आयातित नहीं है। यह भारतीय उत्पाद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे देश के चुनिंदा शहरों में लॉन्च किया है। 2024 तक भारत के सभी शहरों में 5जी तकनीक होगी। ऐसे में हमें भारत की उपलब्धियों पर गर्व हो सकता है।



उल्लेखनीय है कि निर्मला सीतारमण अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मिस्र, भूटान, नीदरलैंड, सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया के मंत्रियों से मुलाकात की है। इस बीच कई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित विषयों पर वाशिंगटन में वैश्विक वित्त मंत्रियों और शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों और जी-20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर की बैठकों में भाग लेने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं।



1G से 5G तक की यात्रा में देखने को मिले तमाम बदलाव

याद हो, 1जी की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी जिस पर केवल वॉयस कॉल संभव हुआ करती थी और इसकी अधिकतम गति 4 Kbps थी। वहीं 2जी की शुरुआत वर्ष 1991 से हुई। 90 के दशक में 2जी की तकनीक में एनालॉग से डिजिटल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हुआ जिसमें एसएमएस, चित्र संदेश और एमएमएस की शुरुआत हुई और अधिकतम गति केवल 50 Kbps रही।

इसके पश्चात वर्ष 2001 में 3 जी की शुरुआत हुई। इसमें सेलफोन के उपयोग में वीडियो कॉलिंग और मोबाइल ब्रॉडबैंड की शुरुआत 3जी के साथ हुई जिसमें करीब 2 Mbps की स्पीड देखने को मिली। फिर साल 2010 में 4जी आया जिसमें 3जी की सारी सेवाओं के साथ-साथ गेमिंग सेवाएं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, 3 डी टेलीविजन, एचडी मोबाइल सेवाएं और अधिकतम गति 100 Mbps की देखी गई।

अब जमाना 5G का


अब वर्ष 2022 में जमाना 5जी का है जिसमें स्मार्ट डेटा, वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 1000 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड मिल सकती है। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन ले जाने का लक्ष्य है, ऐसे में उम्मीद की जी सकती है कि 5जी तकनीक इस लक्ष्य की प्राप्ति में अपना अहम योगदान देने जा रही है।

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