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Air Pollution : दिल्ली-NCR का खतरनाक स्तर पर पहुंचा, आनंद विहार में हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति

Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। इस बार दिवाली के अगले दिन राजधानी की हवा में सुधार देखने को मिला था लेकिन पिछले दो दिन से अब ये बद से बद्तर होती जा रही है। दरअसल, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं और ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। इसके चलते आज 29 अक्टूबर (शनिवार) दोपहर 1:00 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 दर्ज किया गया।
दिल्ली की हवा हर दिन खतरनाक होती जा रही है आलम ये है कि दोपहर 1 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में 400-450 रेंज यानी गंभीर’ श्रेणी में था। पीएम 2.5 की सांद्रता सुबह 11 बजे कई इलाकों में 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर थी, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग सात गुना अधिक है। इसके अलावा सुबह-सुबह सड़कों पर स्मॉग का साया भी देखने को मिला।

Air Pollution

NCR का AQI गंभीर श्रेणी में

दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहरों का भी बुरा हाल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 29 अक्टूबर दोपहर 1:00 बजे उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 62 में वायु गुणवत्ता सूचकांक (402), ग्रेटर नोएडा में (395), लोनी में (392) और गाजियाबाद के वसुंधरा में (423) दर्ज किया गया। वहीं हरियाणा के फरीदाबाद में AQI (446) दर्ज किया गया, जबकि गुड़गांव में यह (391) दर्ज हुआ।

आधी दिल्ली में गंभीर श्रेणी में पहुंची हवा

दिल्ली में मौजूद 36 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में 18 जगहों पर एयर इंडेक्स 400 से अधिक पहुंचा गया है। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। आनंद विहार की वायु सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जिसका एक्यूआई, (456) दर्ज किया गया। इसके अलावा शादीपुर, एनएसआइटी द्वारका और वजीरपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित जगह रहे।

Air Pollution : आइये जानते हैं अलग-अलग इलाकों का हाल-

दिल्ली के इलाके वायु गुणवत्ता सूचकांक श्रेणी

आनंद विहार 454 गंभीर श्रेणी
शादीपुर 444 गंभीर श्रेणी
द्वारका NSIT 428 गंभीर श्रेणी
DTU 421 गंभीर श्रेणी
पंजाबी बाग 418 गंभीर श्रेणी
नेहरू नगर 404 गंभीर श्रेणी
पटपड़गंज 401 गंभीर श्रेणी
अशोक विहार 422 गंभीर श्रेणी
सोनिया विहार 412 गंभीर श्रेणी
जहांगीरपुरी 430 गंभीर श्रेणी
रोहिणी 409 गंभीर श्रेणी
विवेक विहार 430 गंभीर श्रेणी
नरेला 426 गंभीर श्रेणी
वजीरपुर 430 गंभीर श्रेणी
बवाना 416 गंभीर श्रेणी
मुंडका 412 गंभीर श्रेणी
अलीपुर 405 गंभीर श्रेणी



इसके अलावा अन्य कई इलाकों का एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। जिसमें अलीपुर, ITO, सिरी फोर्ट, R.K. पुरम, आया नगर, लोधी रोड, नॉर्थ कैंपस, मथुरा रोड, पूसा, जेएलएन स्टेडियम, द्वारका सेक्टर-8, करणी सिंह शूटिंग रेंज,नजफगढ़, मेजर ध्यान चंद स्टेडियम, ओखला, अरबिंदो रोड, दिलशाद गार्डन और बुराड़ी शामिल है।

एक्सपर्ट का कहना है कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट हवा की दिशा और हवा की गति के कारण है, जिससे खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि के साथ-साथ प्रदूषकों का संचय हो रहा है. इस बार दिवाली के आसपास प्रदूषण 7 वर्षों में सबसे कम था। पटाखे जलाने और खेतों में आग की संख्या में वृद्धि के कारण राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 24 अक्टूबर से खराब होने लगी थी और एक्यूआई ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गया है।

हवा की गुणवत्ता के नवीनतम पूर्वानुमान ने चेतावनी दी है कि अभी स्थिति और बदतर होने जा रही है। इससे साफ अंदाजा हो रहा कि कम से कम कुछ दिनों के हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगी।

Air Pollution : CAQM की हुई आपात बैठक

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के लिए मौसम में बदलाव और पराली के धुएं को मुख्य कारण बताया है। साथ ही प्रदूषण कम करने के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने और ग्रेप के तहत प्रतिबंधित कार्यों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की जरूरत पर बल दिया है। बता दें दिल्ली-NCR में 22 अक्टूबर से ही GRAP का दूसरा चरण लागू किया गया है।

शुक्रवार को हुई एक आपात बैठक के बाद सीएक्यूएम की ओर से कहा गया है कि प्रदूषण का कारक बनने वाले औद्योगिक इकाइयां, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, निर्माण एजेंसियां, दिल्ली सरकार की संस्थाएं एवं अन्य को समय-समय पर प्रदूषण कम करने के उपायों को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

Air Pollution : बरतें ये सावधानी

AQI की जांच करते रहें
मार्निंग और इवनिंग वॉक से परहेज करें।
मास्क पहनकर बाहर निकलें
अधिक समय तक घर से बाहर रहने से बचें।
घरों और कमरों के खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
घर में एयर प्यूरिफायर लगाएं
जॉगिंग करने की बजाय धूप में कुछ दूर तक पैदल चलें।
अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो अपनी दवाएं हर वक्त साथ रखें।
इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, बेहोशी, आंखों और सीने में जलन जैसी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें।

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