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SAIL ISP के 500 क्वार्टरों पर अवैध कब्जा, अवैध टीएमसी कार्यालय : अग्निमित्रा

बंगाल मिरर, एस सिंह,आसनसोल : आसनसोल दक्षिण की भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने शनिवार को ईवलिन लॉज स्थित अपने कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन किया। इस दौरान उन्होंने सेल इस्को कि जमीन पर अवैध कब्जा और उसको बेचे जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीएमसी के नेता इसमें संलिप्त है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रश्रय के कारण जमीन का यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और प्रशासन भी इसी वजह से कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। उन्होंने जिलाशासक आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट से भी सवाल किया कि सब कुछ जानते हुए भी इस्को की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि टीएमसी नेताओं उत्पल सेन, अशोक रुद्रा आदि के पार्टी कार्यालय इस्को की जमीनों पर कैसे बन गए। किसने अनुमति दी थी।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कि सरकार भ्रष्टाचारियों और चोरों की सरकार है। सरकारी कर्मचारियों को डीए नहीं मिल रहा। कुछ महीनों बाद सरकारी कर्मचारियों को वेतन तक देने के पैसे नहीं बचेंगे। ऐसे में जमीनों का अवैध कारोबार करके सरकार अपना खजाना भरना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि वह यहीं पर पली-बढ़ी हैं। इसलिए इसको के साथ उनका एक आत्मीय संबंध है और वह किसी भी कीमत पर इस्को की जमीनों पर इस तरह का अवैध कारोबार चलने नहीं देंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बर्नपुर में टीएमसी नेताओं को एक मुश्त लाख, डेढ़ लाख, या हर महीने 10 से 15 हजार देने पर कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी दुकान लगा सकता है, चाहे वह फुटपाथ पर ही क्यों ना हो। वहीं उन्होंने रहमत नगर में इस्को की जमीनों पर घर बनाए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रहमत नगर में इस्को की जमीनों पर जो घर बनाए जा रहे हैं वह किसकी अनुमति से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि टीएमसी नेता आज स्वच्छ प्रशासन की बात कर रहे हैं, लेकिन दरअसल टीएमसी ही जमीन के इस अवैध कारोबार मिशन में लिप्त है। उन्हीं के नेताओं को इस कारोबार से पैसे मिलते हैं और टीएमसी द्वारा ही इस्को की जमीनों पर कब्जा करके पार्टी ऑफिस बनाया गया है।


अशोक रूद्र ने कहा की राजनीति में नई-नई आई है और क्या बोलना उन्हें मालूम नहीं है। उनके साथ रहने वाले लोग इस्को के जमीन बिक्री करते है, रही बात तृणमूल कार्यालय जो इस्को के जमीन पर बनी उसे लेकर मौखिक रूप से अनुमति ली गई थी और एसा है तो 10 से 15 साल हो जाने के बाद भी इस्को ने अभी तक कोई कारवाई क्यों नहीं की है। उन्हें तो इस्को ने आफिस बनाकर और सजा-संवारकर दिया है। अग्निमित्रा सिर्फ खबरों में रहने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रही है।

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