ASANSOL

Asansol पुस्तक मेला के आमंत्रण कार्ड से वसीम उल हक का नाम गायब, विवाद

बंगाल मिरर, आसनसोल : आगामी 3 फरवरी से पोलो ग्राउंड के पास मैदान में  राज्य सरकार के स्तर से आयोजित होनेवाले ” आसनसोल पुस्तक मेला ” के आमंत्रण कार्ड को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। कार्ड में उपमेयर के रूप में अभिजीत घटक के नाम का उपयोग किया गया है, जबकि घोषित दूसरे उपमेयर वसीम उल हक का नाम कार्ड में अंकित नहीं है। जबकि मेयर परिषद सदस्य गुरुदास चटर्जी उर्फ रॉकेट का नाम शामिल है। इसे लेकर जहां घोइषत उपमेयर श्री हक ने गहरी निराशा जताई है, वहीं भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने इसे अल्पसंख्यक होने का परिणाम बताते हुए कड़ी आलोचना की है। 

सरकारी स्तर पर आयोजित होनेवाले इस मेले का उद्घाटन मंत्री मलय घटक, मंत्री सिद्दिकुल्लाह चौधरी करेंगे। जबकि मौके पर मंत्री प्रदीप मजूमदार, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, एडीडीए चेयरमैन तापस बनर्जी, जिला परिषद अध्यक्ष सुभद्रा बाउरी, मेयर विधान उपाध्याय, जिलाशासक एस अरुण प्रसाद, पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार नीलकांतम, काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के कुलपति साधन चक्रवर्ती, सदर महकमाशासक अभिज्ञान पांजा, उप समाहत्र्ता उदय नारायण जाना, नगर निगम चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, दुर्गापुर नगर निगम के प्रशासक बोर्ड की चेयरमैन अनिदिंता मुखर्जी, विधायक नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती, विधायक हरेराम सिंह आदि उपस्थित रहेंगे। आमंत्रण देनेवालों में उपमेयर अभिजीत घटक, जिला ग्रंथागार अधिकारी निर्मला अधिकारी सह आसनसोल पुस्तक मेला की सचिव, अतिरिक्त जिलाशासक (सामान्य) सह पुस्तक मेला के कार्यकारी अध्यक्ष पनिक्कार हरिशंकर, पार्षद अनिमेष दास, मेयर परिषद सदस्य सह पुस्तक मेला के संयुक्त सचिव गुरुदास चटर्जी, सह सचिव दिलीप नायक, सह सचिव सुब्रत कुमार दास, कोषाध्यक्ष दीपक कांत तालपत्र आदि शामिल हैं। 

आयोजकों ने नाम छापने लायक नहीं समझा : वसीम उल 

आमंत्रण कार्ड में इतने सारे जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, पार्षदों के नाम शामिल रहने के बाद भी घोषित उपमेयर वसीम उल हक का नाम नहीं है। इसे लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। विभिन्न नेता अपने-अपने स्तर से इस पर टिप्पणी कर रहे हैं। घोषित उपमेयर सीम उल हक इस प्रकरण को लेकर काफी हताश हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला के आयोजकों ने उन्हें इस लायक नहीं समझा कि उनका नाम पुस्तक मेला के आमंत्रण कार्ड में शामिल किया जाये। इससे अधिक वे इस मामले में क्या कह सकते हैं? उन्होंने इस संबंध में कोई और टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। 

मुसलमान होने की सजा तो नहीं : चैताली 

भाजपा पार्षद सह विपत्र की नेत्री चैताली तिवारी ने इसके लिए मेला के आयोजकों पर सीधा हमला बोला है। उनका कहना है कि मुसलमान होने के कारण ही उनका नाम आमंत्रण कार्ड में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी उन्होंने मेयर विधान उपाध्याय से उपमेयर के संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि तृणमूल में अब अल्पसंख्यकों की कोई अहमियत नहीं है। उनका उपयोग सिर्फ चुनव के समय पर होता है। एक वर्ष हो गये उन्हें उपमेयर घोषित हुए, लेकिन अभी तक उन्हें किसी फाइल पर हस्ताक्षर करने का अधिकार तक नहीं मिला है। 

शपथ ही नहीं तो उपमेयर कैसे लिखा : गुलाम 

कांग्रेसी पार्षद गुलाम सरवर ने पूरे प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि उपमेयर पद पर किसी ने शपथ ही नहीं ली है। इसके बाद भी सरकारी स्तर पर आयोजित पुस्तक मेले के आमंत्रण कार्ड पर उन्हें उपमेयर लिखना संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन है। इसका जबाब प्रशासनिक अधिकारियों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन तृणमूल नेताओं को खुश करने में लगा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल में मुसलमान नेताओं की अहमियत कितनी है, इसका खुलासा संसदीय उपचुनाव में हो गया था। उर्दू के चर्चित पत्रकार अजीज बर्नी का उपयोग तृणमूल ने रेलपार के विभिन्न इलाकों में चुनाव प्रचार में किया, लेकिन रविन्द्र भवन में रोजाना आयोजित होनेवाली बैठकों में उन्हें शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तृणमूल में सक्रिय मुसलमान नेताओं को इससे सीख लेनी चाहिए।

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