ASANSOL

Asansol- Durgapur में प्रदूषण की ड्रोन से होगी निगरानी

झारखंड सीमा पर ग्रीन बेल्ट किया जायेगा विकसित

बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Asansol News In Hindi ) पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल और दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्रों के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, सड़कों पर धूल हो या अन्य प्रदूषण में वृद्धि ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। आसनसोल नगरनिगम में गुरुवार को आयोजित वायु गुणवत्ता प्रबंधन की समीक्षा बैठक में इसे लेकर पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के शीर्ष अधिकारियों ने गहरी चिंता जताई। बोर्ड ने इस प्रदूषण को नियंत्रित या कम करने के लिए कई कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। बैठक में बोर्ड अध्यक्ष डा. कल्याण रुद्र व सदस्य सचिव आईपीएस राजेश कुमार , आसनसोल दुर्गापुर के पुलिस आयुक्त एन सुधीर कुमार नीलकांतम, आसनसोल नगरनिगम के आयुक्त राहुल मजूमदार, चेयरमैन अमरनाथ चट्टोपाध्याय, अभिजीत घटक और वसीम उल हक सहित विभिन्न संगठनों के अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर के दो चरणों चर्चा हुई।

बैठक के बाद बोर्ड के चेयरमैन डा. रूद्र व सदस्य सचिव श्री कुमार ने कहा कि राज्य के छह शहरों को प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें आसनसोल और दुर्गापुर प्रमुख हैं। इन दोनों शहरों में खासकर औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण बेहद चिंताजनक है। जिसमें दुर्गापुर के कुछ इलाके शामिल हैं। आसनसोल, जामुड़िया, रानीगंज के मंगलपुर, कुल्टी और सालानपुर में कुछ स्थान हैं। खासकर वहां जहां स्पंज आयरन के कारखाने हैं। हमने उन्हें हाटस्पाट के रूप में चिन्हित किया है। इन क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र या प्रदूषण नियंत्रण के लिए कारखानों में उपकरण लगाए जाते हैं। लेकिन, बताया जा रहा है कि इन मशीनों को रात में नहीं चलाया जाता है, बंद कर दिया जाता है। कई फैक्ट्रियां तो सुबह के समय भी मशीन नहीं चलाती हैं। खबर मिलने के बाद, हम जाते हैं चेतावनी देते हैं, लेकिन रात में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी संबंधित विभागों को सूचित कर दिया गया है। चेयरमैन ने कहा, हम नहीं चाहते कि फैक्ट्री बंद हो। साथ ह, सड़क की धूल या सड़क से प्रदूषण बढ़ रहा है। इसलिए दो बार सड़क पर पानी देने की बात कही जा चुकी है। खराब सड़कों की मरम्मत के लिए कदम उठाए गए हैं। इन खराब सड़कों की वजह से गाड़ी चलने के बाद पहियों से प्रदूषण फैलता है। हमारा लक्ष्य प्रदूषण को 2017-18 के बेंचमार्क से कम से कम 40 फीसदी कम करना है।

उन्होंने कहा कि इस राज्य की पश्चिमी सीमा खासकर झारखंड से प्रदूषण बढ़ रहा है। यह सर्दियों में सबसे ज्यादा होता है। इसीलिए दोनों राज्यों की सीमा पर “ग्रीन बेल्ट” या ट्री वाल बनाने की योजना बनाई गई है। इस पूरे काम में पांच साल लगेंगे। इसलिए इस साल यह काम मानसून सीजन से शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा अगस्त और सितंबर माह में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लेकर पड़ोसी राज्यों के साथ बैठक करने की योजना है। जहां उन राज्यों को बताया जाएगा कि उन्हें प्रदूषण नियंत्रण में क्या करना है। बैठक के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 लोगों को धुआं रहित चूल्हा दिया गया है। इस दौरान निगम के मुख्य अभियंता किंग्सुक राय, अधीक्षण अभियंता कमल मंडल, कार्यपालक अभियंता केके श्याम, सौरीन्द्र घोष आदि मौजूद थे।

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