JItendra Tiwari की जमानत के लिए आज की जायेगी अपील, लीगल सेल के अभिजीत घटक ने दी जानकारी
बंगाल मिरर, एस सिंह : ( Asansol News In Hindi ) आसनसोल कोर्ट में जितेन्द्र तिवारी की जमानत के लिए आज उनके अधिवक्ता आवेदन करेंगे। भाजपा लीगल सेल के अभिजीत घटक ने कहा कि वह लोग आज जितेन्द्र तिवारी की जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। क्योंकि इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गौरव गुप्ता और तेज प्रताप सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। वहीं सूत्रों की मानें तो अगर स्थानीय कोर्ट द्वारा जमानत नहीं दी जाती है। तो इसे लेकर हाईकोर्ट जाने की भी तैयारी है। उल्लेखनीय है कि सुवेंदु अधिकारी ने भी कल कहा था कि जल्द ही जितेन्द्र तिवारी की जमानत होगी, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट से जमानत करायेंगे।













सुप्रीम कोर्ट ने कंबल कांड में बीजेपी पार्षद गौरव गुप्ता और भाजपा नेता तेज प्रताप सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है ? जितेंद्र तिवारी ने इस घटना में अग्रिम जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन मामले की सुनवाई से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि सुनवाई में यह स्पष्ट निर्देश है कि गौरव गुप्ता और तेज प्रताप सिंह को पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी। वहीं उन्हें जांच में सहयोग करना होगा।
कंबल कांड में पुलिस ने शनिवार को जितेंद्र को नोएडा से गिरफ्तार किया। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग और आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर उसे नोएडा के यमुना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार कर लिया. उसी रात जितेंद्र को आसनसोल ले जाया गया। आसनसोल कोर्ट ने उन्हें 8 दिन की पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया था। जितेंद्र के मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने की। उस दिन खंडपीठ ने मामले के सभी पक्षों को अपना हलफनामा जमा करने को कहा । मामले की अगली सुनवाई आठ मई निर्धारित की गई है।
14 दिसंबर को आसनसोल में कंबल बांटने के दौरान 3 लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी. उस घटना में जितेन्द्र की पत्नी चैताली तिवारी और कुल 3 पार्षदों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। वे कार्यक्रम के आयोजक थे। कंबल मामले में जितेंद्र और चैताली से पूछताछ के लिए दुर्गापुर-आसनसोल पुलिस आयुक्तालय के कर्मी कई बार उनके फ्लैट पर गए। लेकिन फ्लैट पर ताला देखकर उन्हें बार-बार लौटना पड़ रहा है। पुलिस तिवारी दंपती तक नहीं पहुंच सकी।
इसी संदर्भ में उच्च न्यायालय ने 22 दिसंबर को चैताली की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने का भी आदेश दिया।लेकिन 10 फरवरी को एक प्रतिवाद के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने राज्य पुलिस को चैताली की जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद जितेंद्र और चैताली ने पहले हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी। लेकिन न्यायमूर्ति देवांशु बसाक की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी। जितेन्द्र ने इसी दलील के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुनवाई से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है।
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