ASANSOL-BURNPUR

Burnpur गुरुद्वारा चुनाव विवाद पहुंचा कोर्ट, रात 8 बजे तक हुई सुनवाई, दोनों गुट का अलग-अलग दावा

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल :  बर्नपुर गुरुद्वारा के चुनाव को लेकर हुए विवाद का मामला कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में रात 8 बजे तक मामले की सुनवाई हुई। जिसके बाद दोनों गुट के अधिवक्ता अलग-अलग दावा कर रहे हैं। सिख संगत के अधिवक्ता संग्राम सिं का दावा है कि न्यायधीश ने चुनाव रोकने को लेकर कोई स्थगनादेश नहीं दिया। उन्होंने दोनों गुटों को यथास्थिति बनाये रखने को कहा है। ऐसे में सिख संगत चुनाव की प्रक्रिया कर रहा है। वहीं सुरिंदर सिंह गुट के अधिवक्ता राजेश तिवारी ने कहा कि कोर्ट में ऐसा पहली बार हुआ कि रात 8 बजे तक मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि  बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की ओर से चुनाव करा राही बर्नपुर सिख संगत के खिलाफ आसनसोल के जिला अदालत में चुनाव को रोकने के लिए गुरुवर को मामला दयार किया गया था जहां का जिला जज बिजयेश घोषाल ने शुक्रवार को   निर्देश दिया कि इस मामले को सुनने के लिए जिला कोर्ट उपयुक्त कोर्ट नहीं है इस्लिये जिला कोर्ट इस पर कोई निर्णय नहीं दे सकती है उन्होंने मामले को निचली अदालत में भेजा । शाम को आसनसोल के तृतीय मुंसिफ अदालत में मामले की सुनवाई हुई।

चूंकि 2019 में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत बर्नपुर गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को रजिस्टर करा दिया है इसलिए बर्तमान में जो बर्नपुर सिख संगत समिति 26 मार्च को बर्नपुर गुरुद्वारा कामित को जो चुनाव करा रही है उसपर रोक लगायी जाय एवं  चुनवी प्रक्रिया को रोका जाये  । बर्नपुर गुरुद्वारा समिति की ओर से कोलकाता हाई कोर्ट से आये वकील ने तृतीय मुंसिफ की चार्ज में सुनवाई कर रही सिविल जज बिशाखा चौधरी के सामने रखी ।

इसका जवाब देते हुए बर्नपुर सिख संगत के वकील पीजूस कांति गोस्वामी एवं शांतनु बनर्जी ने कहा की चुनाव की प्रक्रिया  27 फरवारी 2023 से ही शुरू है ये चुनाव प्रक्रिया अकाल तख्त के निर्देश पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर की ओर से 8 सदस्यीय चुनाव  समिति के संचालन में 26 मार्च 2023 को बर्नपुर गुरुद्वारा में संपन्न होगा।  कोर्ट ने दोनो पक्षों के दलील को सुना एवं शुक्रवार की  देर शाम को निर्देशन दिया कि दोनो पक्ष को यथा स्थिती बनाए रखे एवं बर्नपुर गुरुद्वारा की गरिमा को कोई भी पक्ष ठेस ना पाहुचाएं। इसके बाद सिख संगत का दावा है कि कोर्ट ने अपने ऑर्डर में 26 मार्च के चुनाव प्रक्रियाओं को रोक लगाने  कि किसी भी प्रकार का आदेश नहीं दिया इसलिए 26 मार्च को हो रहे चुनाव का रास्ता साफ हो गया अपने आदेश में कोर्ट ने कभी भी नहीं कहा कि बर्नपुर सिख संगत अथवा दूसरा पक्ष चुनाव नहीं करा सकता है । पीजूश कांति गोस्वामी ने कहा की बर्नपुर  गुरुद्वारा में 26 मार्च को हो रहे चुनाव में कोई बाधा नहीं है चुनाव किया जा सकता है क्योंकि कोर्ट ने चुनाव रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है कोर्ट ने मामले की अगली तिथि 6 अप्रैल को दिया है।

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