अहंकार विनाश का कारण : राम मोहन जी
बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल के जीटी रोड स्थित महावीर स्थान मंदिर में महावीर स्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के छठवें दिन वनवास एवं सीता हरण प्रसंग पर प्रवचन किया गया। इस दौरान कथावाचक राममोहन जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने आदर्श पुत्र की तरह अपने पिता के आदेश का पालन किया। वह बिना किसी किंतु परंतु के वनवास पर चले गये। वहीं लक्ष्मण अपने बड़े भाई के साथ वनवास पर जाकर छोटे भाई के कर्तव्य का पालन किया।
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उन्होंने कहा कि अहंकार विनाश का सबसे बड़ा कारण है। अहंकार में व्यक्ति सही गलत का फर्क भूल जाता है। इसलिए कहा जाता है कि अहंकार में तीन गये, धन, वैभव और वंश, न मानो तो देख लो रावण, कौरव और कंस । इस दौरान आकर्षक झांकी और सुमधुर भजन भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर समिति के अरुण शर्मा, निरंजन पंडित, अभिषेक बर्मन, मनीष भगत, मुकेश अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे। गुरुवार को भरत चरित्र की कथा सुनायी जायेगी।